advertisement
लखनऊ के ऐशबाग से पीएम मोदी ने देश को संदेश दिया कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और परिस्थितियों के मुताबिक कभी- कभी युद्ध की आवश्यकता पड़ जाती है. राम- रावण जटायु, कृष्ण और बुद्ध के जिक्र के बीच पीएम मोदी ने गदा उठाया, चक्र घुमाया और फिर धनुष बाण भी चलाया.
पीएम मोदी के इस अवतार का अक्स दरअसल सालों पहले बतौर गुजराज सीएम के तौर पर ही दिखने लगा था. तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी विजयादशमी सुरक्षाबलों के साथ मनाते थे. यही नहीं सीएम मोदी नवरात्र का व्रत शस्त्र पूजा के बाद ही खोलते थे. ये प्रथा गुजरात में उन्होंने ही शुरू की थी और कई सालों तक उन्होंने इसका पालन भी किया.
ये बात और है कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए और उसके बाद उनके द्वारा शुरू की गई शस्त्र पूजा की प्रथा गुजरात में ही रह गई. पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2014 को दिल्ली के सुभाष ग्राउंड में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के साथ विजयादशमी मनाया.
साल 2015 में पीएम मोदी दशहरे पर आंध्र प्रदेश में थे. और फिर 2016 में लखनऊ में. इस बीच गुजरात में शस्त्रपूजा की प्रथा को आनंदीबेन और विजय रुपानी ने जिंदा रखा है.
राम ने दशहरे के दिन रावण पर विजय प्राप्त की थी, तभी से नवरात्रि में शक्ति और शस्त्र पूजा की परंपरा चली आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे हैं और इस संगठन में दशहरा के दिन शस्त्र पूजन और पथ संचलन की परंपरा रही है. भारतीय सेना के राजपूत, जाट, मराठा, कुमायूं , गोरखा रेजीमेंट्स में शस्त्र पूजा धूमधाम से की जाती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)