Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019नरेंद्र मोदी: शस्त्र पूजा से जय श्री राम तक, युद्ध से बुद्ध की ओर

नरेंद्र मोदी: शस्त्र पूजा से जय श्री राम तक, युद्ध से बुद्ध की ओर

विजयादशमी पर शस्त्र पूजा, अब पुरानी प्रथा से पीएम मोदी ने तोड़ा नाता.

आशुतोष सिंह
भारत
Updated:
(फोटो: क्विंट हिंदी)
i
(फोटो: क्विंट हिंदी)
null

advertisement

हम वो लोग हैं जो युद्ध से बुद्ध की ओर चलते हैं. परिस्थियों की वजह से युद्ध कभी-कभी आवश्यक हो जाते हैं. यह देश सुदर्शन चक्रधारी मोहन को युगपुरुष मानता है. उनके जीवन में भी युद्ध था. लेकिन हमारे देश की विशेषता यही है कि हम संतुलन लेकर चलने वाले लोग हैं. - ऐशबाग रामलीला में बोले पीएम मोदी

लखनऊ के ऐशबाग से पीएम मोदी ने देश को संदेश दिया कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और परिस्थितियों के मुताबिक कभी- कभी युद्ध की आवश्यकता पड़ जाती है. राम- रावण जटायु, कृष्ण और बुद्ध के जिक्र के बीच पीएम मोदी ने गदा उठाया, चक्र घुमाया और फिर धनुष बाण भी चलाया.

पीएम मोदी के इस अवतार का अक्स दरअसल सालों पहले बतौर गुजराज सीएम के तौर पर ही दिखने लगा था. तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी विजयादशमी सुरक्षाबलों के साथ मनाते थे. यही नहीं सीएम मोदी नवरात्र का व्रत शस्त्र पूजा के बाद ही खोलते थे. ये प्रथा गुजरात में उन्होंने ही शुरू की थी और कई सालों तक उन्होंने इसका पालन भी किया.

तस्वीरों में नरेंद्र मोदी की शस्त्र पूजा

13 अक्टूबर 2013, अहमदाबाद में सीएम आवास पर विजयादशमी के दिन सुरक्षाबलों के साथ नरेंद्र मोदी. (फोटो: Narendremodi.in)
पिस्टल और बंदूकों की पूजा करते नरेंद्र मोदी. (13 अक्टूबर 2013 की तस्वीर)
पिस्टल और बंदूकों की पूजा करते नरेंद्र मोदी. (13 अक्टूबर 2013 की तस्वीर)
<b>शक्ति आराधना के पर्व नवरात्रि के पश्चात आने वाला विजयादशमी का पर्व विजयोत्सव के साथ जुड़ा हुआ है. शस्त्र-भक्ति की महिमा आसुरी ताकतों के खिलाफ दैवी शक्ति के विजय का महात्म्य दर्शाती है. सुरक्षा सेवा के सहयोगियों का जीवन शस्त्र के साथ जुड़ा हुआ है. शस्त्र की भक्ति हमें उसके दुरुपयोग की वृत्ति से दूर रखती है. </b>
<b>नरेंद्र मोदी (13 अक्टूबर, 2013) </b>
तलवार पर तिलक करते नरेंद्र मोदी. (13 अक्टूबर 2013 की तस्वीर)

ये बात और है कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए और उसके बाद उनके द्वारा शुरू की गई शस्त्र पूजा की प्रथा गुजरात में ही रह गई. पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2014 को दिल्ली के सुभाष ग्राउंड में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के साथ विजयादशमी मनाया.

3 अक्टूबर 2014 में दिल्ली के सुभाष ग्राउंड में पीएम नरेंद्र मोदी. (फोटो: PTI)

साल 2015 में पीएम मोदी दशहरे पर आंध्र प्रदेश में थे. और फिर 2016 में लखनऊ में. इस बीच गुजरात में शस्त्रपूजा की प्रथा को आनंदीबेन और विजय रुपानी ने जिंदा रखा है.

2015 में शस्त्रपूजा करतीं गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल. (फोटो: Twitter)
2016 में विजयादशमी के मौके पर शस्त्रपूजा करते गुजरात के सीएम विजय रुपानी. (फोटो: Twitter)

शस्त्रपूजा का चलन कहां से आया?

राम ने दशहरे के दिन रावण पर विजय प्राप्त की थी, तभी से नवरात्रि में शक्ति और शस्त्र पूजा की परंपरा चली आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे हैं और इस संगठन में दशहरा के दिन शस्त्र पूजन और पथ संचलन की परंपरा रही है. भारतीय सेना के राजपूत, जाट, मराठा, कुमायूं , गोरखा रेजीमेंट्स में शस्त्र पूजा धूमधाम से की जाती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 12 Oct 2016,07:33 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT