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आज मोदी सरकार को 8 साल हो गए हैं. जब नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवारी का ऐलान हुआ, 'तब हम मोदी जी को लाने वाले हैं अच्छे दिन आने वाले हैं', 'बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार', जैसे नारे अपने उच्चतम स्तर पर थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर थी, लोकसभा चुनाव हुए और बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत हासिल की. 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. पांच साल बाद 2019 में फिर लोकसभा चुनाव आए और इस बार भी 'अबकी बार मोदी सरकार,' 'मोदी है तो मुमकिन है' जैसे नारों से हवा बनाने की कोशिश की गई. चुनाव हुए बीजेपी ने 303 सीटें जीतीं और मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने.
26 मई 2022 को मोदी सरकार को 8 साल हो गए हैं. इन 8 सालों में बहुत कुछ हुआ और बदल गया है. देश की जीडीपी दोगुनी हुई, नोटबंदी, फिर कोरोना वायरस और महंगाई दोगुनी रफ्तार से बढ़ी. चलिए जानते हैं मोदी सरकार के 8 सालों में क्या वाकई अच्छे दिन आए, क्या वाकई मोदी सरकार ने अपने वादों पर अमल किया?
जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब देश की जीडीपी 112 लाख करोड़ थी, लेकिन आज भारत की जीडीपी 232 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा है. आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी छठी अर्थव्यवस्था है. देश के प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं कि वह 2025 तक देश की जीडीपी को 5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का टारगेट रखते हैं.
मोदी सरकार में आम आदमी की कमाई की बात करें, तो यहां कुछ बदलाव देखने को मिला है. मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले देश में आम आदमी की सालाना कमाई में बड़ा इजाफा हुआ है. मोदी सरकार से पहले आम आदमी की सालाना कमाई 80 हजार रूपये से कम थी, अब वह 1.50 लाख रूपये से ज्यादा है.
मोदी सरकार में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ा है. सीएमआई के मुताबिक अभी देश में कुल 40 करोड़ लोगों के पास रोजगार है, लेकिन मोदी सरकार के आने से पहले 43 करोड़ लोगों के पास रोजगार था. CMIE की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 90 करोड़ लोग नौकरी के योग्य हैं, तो वहीं 45 करोड़ लोगों ने नौकरी की तलाश करना छोड़ दिया है. आंकड़ों के मुताबिक, मनमोहन सरकार में बेरोजगारी दर 3.4 प्रतिशत थी, तो वहीं मोदी सरकार में बढ़ कर 8.7 प्रतिशत हो गई है.
मोदी सरकरा में विदेशी कर्ज भी कई गुना बढ़ा है. मोदी सरकार से पहले विदेशी कर्ज 409 अरब डॉलर था जो मोदी सरकार में बढ़कर 615 अरब डॉलर हो गया.
बीते 8 सालों में निर्यात करीब 10 लाख करोड़ रूपये बढा है. मोदी सरकार से पहले एक्सपोर्ट यानी निर्यात करीब 19 लाख करोड़ था. 2021-22 में भारत ने 28 लाख करोड़ रूपये का सामान निर्यात किया था.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स यानी भुखमरी के वैश्विक पैमाने की 2013 की लिस्ट में भारत का 63वां स्थान था, जो मोदी सरकार में बढ़कर ग्लोबल हंगर इंडेक्स की 2021 की रिपोर्ट में बढ़कर 101 वें स्थान पर पहुंच गया. इस मामले में हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे हैं.
3 मई, 2022 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) ने प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में देशों की रैंकिंग जारी की जिसमें भारत को 180 देशों की सूची में 150वां स्थान मिला है. मोदी सरकार से पहले भारत 140वें पायदान पर था.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने नारा दिया था कि बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि मोदी सरकार में महंगाई 2014 के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी है. 8 साल में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिसमें पेट्रोल 30 रूपये प्रति लीटर और डीजल 40 रूपये प्रति लीटर बढ़ा है. मोदी सरकार से पहले गैंस सिलेंडर 414 रूपये का था जो बढ़कर मोदी सरकार में 1003 रूपये का हो गया है. और सब्सिडी भी नाममात्र को मिलती है.
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