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गुजरात : PM मोदी और ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के पोस्टर पर पुती कालिख

आदिवासी समुदाय के लगभग 75,000 लोग ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का विरोध कर रहे हैं

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भारत
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पूरे जिले में पीएम मोदी, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और समारोह की तस्वीर वाले 90 फीसदी पोस्टरों को या तो फाड़ दिया गया या उन पर कालिख पोत दी गई.
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पूरे जिले में पीएम मोदी, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और समारोह की तस्वीर वाले 90 फीसदी पोस्टरों को या तो फाड़ दिया गया या उन पर कालिख पोत दी गई.
(फोटो: The Quint/Facebook)

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गुजरात के नर्मदा जिले में 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' के उद्घाटन का विरोध कर रहे कई लोगों ने पीएम मोदी और सरदार पटेल की 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' की तस्वीर वाले पोस्टरों पर कालिख पोत दी है. जानकारी के मुताबिक पूरे जिले में पीएम मोदी, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और समारोह की तस्वीर वाले 90 फीसदी पोस्टरों को या तो फाड़ दिया गया या उन पर कालिख पोत दी गई.

खबर है कि अधिकारियों ने फटे पोस्टरों को नए पोस्टर से बदल दिया है और पुलिस इन पोस्टरों की सुरक्षा कर रही है. आपको बता दें कि गुजरात में कई सामाजिक संगठन, आदिवासी संगठन और लोग इस प्रोजेक्ट का विरोध करते रहे हैं. इस परियोजना से प्रभावित जनजातीय समुदाय के लगभग 75,000 लोगों ने स्टेच्यू का विरोध करने के लिए 31 अक्टूबर को बंद बुलाया है.

एक आदिवासी नेता प्रफुल वसावा ने कहा, “यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि जनजातीय समुदाय भाजपा से कितना असंतुष्ट है. उन्होंने जनजातीय समुदाय के सबसे बेशकीमती संसाधन उनकी जमीनों को कथित विकास कार्यों के लिए छीन लिया. यह दुनिया में शायद पहली बार हो रहा है कि किसी प्रधानमंत्री के पोस्टरों की सुरक्षा पुलिस द्वारा की जा रही है”

वसावा ने कहा, "बनासकांठा से डांग जिले तक, नौ आदिवासी जिले इस प्रदर्शन में शामिल होंगे और बंद केवल स्कूलों, कार्यालयों या व्यापारिक प्रतिष्ठानों तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि घरों में भी खाना नहीं बनेगा." एक परंपरा के अनुसार, आदिवासी गांवों में जब लोग मौत का शोक मनाते हैं,तो उनके घरों में खाना नहीं पकता है.

आदिवासी संगठनों का मानना है कि ये परियोजना उनके खिलाफ है और विकास के नाम पर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है.

---इनपुट आईएएनएस से

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