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नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को बुधवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से जमानत मिल गई, रिहाई गुरुवार को हो सकती है. बता दें कि मध्यप्रदेश में सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों के पुनर्वास की मांग को लेकर 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' चल रहा है, जिसका नेतृत्व मेधा पाटकर कर रही हैं.
नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मेधा को 9 अगस्त से धार जिला जेल में बंद रखा गया था.
प्रशासन की ओर से मेधा पर 4 मुकदमे दर्ज कराए गए थे, जिसमें से 3 मामलों में उन्हें जमानत दे दी गई थी. चौथा मामला धारा 365 (अपहरण) का था. इस मामले की सुनवाई बुधवार को इंदौर हाईकोर्ट में हुई. जस्टिस वेद प्रकाश शर्मा की पीठ ने इस मामले को खारिज करते हुए मेधा को जमानत दे दी.
वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने बताया कि उन्होंने न्यायालय में मेधा पाटकर का पक्ष रखते हुए कहा कि मेधा पाटकर को अपहरण करने के मामले में गिरफ्तार किया गया, जो कि पूरी तरह बेबुनियाद आरोप है, क्योंकि जिस स्थान से अपहरण करने का आरोप लगाया गया है, वो एक सार्वजनिक स्थान था और सरकारी अधिकारी वहां बातचीत करने आए थे. अनशनकारियों और अधिकारियों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत हुई भी थी.
माथुर ने कहा कि गांधी और अंबेडकर के देश में अनशन करना कोई अपराध नहीं है और इस पर अपहरण का मुकदमा लगाना असंवैधानिक है.
15 दिनों से जेल में बंद तीन दूसरे विस्थापित शंटू, विजय और धुरजी भाई के मामले की सुनवाई गुरुवार को इंदौर कोर्ट में होगी.
धार जिला जेल के जेलर सतीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि उन्हें मेधा पाटकर को इंदौर हाईकोर्ट से जमानत मिलने की जानकारी तो है, मगर उन तक आदेश नहीं पहुंचा है, लिहाजा मेधा की रिहाई बुधवार को नहीं, गुरुवार को होगी.
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