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सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए तैयार राष्ट्रीय राजधानी

कोरोनावायरस से निजात पाने के लिए देश भर में शनिवार से सबसे बड़े टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है

आईएएनएस
भारत
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सरकार का संकेत- अभी पसंद की वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं
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सरकार का संकेत- अभी पसंद की वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं
(फोटो: फिट हिंदी)

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दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत से एक दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं. कोरोनावायरस से निजात पाने के लिए देश भर में शनिवार से सबसे बड़े टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है. शुरूआत में प्राथमिकता वाले समूहों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी.

टीकाकरण अभियान के रोलआउट से पहले ही पूरे भारत में 3,006 साइट निर्धारित की गई हैं, जहां पर तीन लाख फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा. केंद्र सरकार ने ड्राइव के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है। इसमें एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर और 27 करोड़ बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों वाले लोग शामिल हैं.

दिल्ली में इस अभियान के पहले चरण में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और निजी अस्पतालों के 81 टीकाकरण स्थलों पर लगभग 2.25 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा. कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के 264,000 से अधिक टीके शहर में पहुंच चुके हैं.

राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थापित कोल्ड स्टोरेज सुविधा में कोरोना वैक्सीन की खुराक को थोक में संग्रहित किया गया है, जहां से इन्हें कोल्ड चेन प्वाइंट और अंतत: टीकाकरण स्थलों पर भेजा जाएगा. सरकार प्रत्येक टीकाकरण स्थल पर 7-8 लोगों का एक स्टाफ प्रदान करेगी.

स्टाफ में सुरक्षाकर्मी, नर्स, पैरामेडिक्स और एक डॉक्टर शामिल हैं. एक टीकाकरण स्थल पर तीन कमरे निर्धारित किए गए हैं. लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन के लिए एक वेलकम डेस्क भी होगी.

टीकाकरण अभियान की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए दिल्ली सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. अजीत जैन ने कहा, “लाभार्थियों के पंजीकरण से लेकर टीकाकरण के बाद उनकी निगरानी तक पूरी प्रक्रिया में 45 मिनट का समय लगेगा. प्रवेश द्वार पर टीकाकरण अधिकारी लाभार्थियों के सभी दस्तावेजों को सत्यापित करेगा। इस प्रक्रिया के बाद वे प्रतीक्षा क्षेत्र में आएंगे और अपनी बारी का इंतजार करेंगे.”
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उन्होंने कहा, "प्रतीक्षालय से वे टीकाकरण कक्ष में प्रवेश करेंगे. टीकाकरण के बाद किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में मरीज को आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए स्ट्रेचर से लैस कमरे होंगे. इसके साथ ही वहां ईसीजी मशीन, मॉनीटर और ऑक्सीजन मास्क भी उपलब्ध होंगे। टीकाकरण प्राप्त करने के बाद लाभार्थियों को तीस मिनट के लिए निगरानी में रखा जाएगा."

अस्पताल में कार्यरत डॉ. नकुल करुणाकरन वैक्सीन शॉट प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति होंगे. उन्होंने कहा, "थोड़ी चिंता है, लेकिन साथ ही हम बहुत आत्मविश्वास महसूस कर रहे हैं. मैं सबसे अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रहा हूं."

डॉ. नकुल ने कहा कि लाखों स्वास्थ्य कर्मियों के साथ वह इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे.

दिल्ली सरकार द्वारा संचालित भारत के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने कहा कि उनका अस्पताल शनिवार को अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने के लिए तैयार है.

डॉ. सुरेश कुमार ने कहा, "हर कोई उत्साहित है और वैक्सीन का इंतजार कर रहा है। हम उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह 10:30 बजे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। कोरोना वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी। शुरूआत में लगभग तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को देश भर में स्थापित 3,006 से अधिक टीकाकरण स्थलों पर वैक्सीन प्रदान की जाएगी। प्रत्येक स्थल पर लगभग 100 लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा.

भारत के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड वैक्सीन कोविशिल्ड और भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सीन शुरूआती चरण में प्राथमिकता वाले समूहों को दी जाएगी।

अब तक केंद्र सरकार ने क्रमश: 200 रुपये और 206 रुपये प्रति खुराक की लागत पर 1.1 करोड़ कोविशिल्ड और 55 लाख कोवैक्सीन के टीके खरीदे हैं।

इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ अपनी आबादी का टीकाकरण करने के लिए भारत का अभ्यास दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। मंत्री ने दोहराया कि दोनों स्वदेश निर्मित टीके सुरक्षित साबित हुए हैं

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