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दिल्ली हाई कोर्ट नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग में सरकार की कार्रवाई पर यथास्थति बरकरार रखने का आदेश दिया है. नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की ओर अभिषेक मनु सिंघवी ने दो घंटे तक अपनी दलीलें दीं. इसके बाद हाई कोर्ट ने बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग में सरकार की कार्रवाई पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया.
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की हेराल्ड हाउस खाली करने वाले केंद्र के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए टाल दी है. उधर, केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट को मौखिक आश्वासन दिया है कि वह 22 नवंबर तक नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक, AJL की लीज बरकरार रखेगा.
जस्टिस सुनील गौड़ ने जब कहा कि वह मामले की सुनवाई किसी और दिन करेंगे और केन्द्र को यथास्थिति बरकरार रखनी चाहिए तो भूमि और विकास विभाग की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने उन्हें ऐसा करने का मौखिक आश्वासन दिया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 22 नवंबर तय की है.
प्रकाशक ने शहरी विकास मंत्रालय के 30 अक्टूबर के आदेश को 12 नवंबर को अदालत में चुनौती दी है.
AJL ने आरोप लगाया है कि सरकार का 30 अक्टूबर का आदेश अवैध, असंवैधानिक, मनमाना और पहले प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू की विरासत को जानबूझकर बर्बाद करने की कोशिश है. AJL का कहना है कि आदेश राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद विपक्षी पार्टियों की असंतोष की आवाज को दबाना और बर्बाद करना है.
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