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लखीमपुर हिंसाः आशीष मिश्र की पेशी के बाद नवजोत सिद्धू ने खत्म की भूख हड़ताल

Lakhimpur violence: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू 8 अक्टूबर से लखीमपुर में भूख हड़ताल और मौन वृत पर थे.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी</p></div>
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नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी

फाइल फोटो- पीटीआई

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लखीमपुर नरसंहार (Lakhimpur violence) मामले को लेकर भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर बैठे पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) ने अपना धरना खत्म कर दिया है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) के क्राइम ब्रांच (Up Crime Branch) के सामने पेश होने के बाद अपना धरना खत्म किया. नवजोत सिद्धू 8 अक्टूबर से लखीमपुर के एक पत्रकार के घर भूख हड़ताल पर थे और उन्होंने मौन वृत रखा हुआ था.

केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र को यूपी पुलिस (Up Police)) ने 8 अक्टूबर को भी पूछताछ के लिए नोटिस देकर बुलाया था, लेकिन वो नहीं पहुंचे. उसके बाद 8 अक्टूबर को ही 9 अक्टूबर सुबह 11 बजे तक पेश होने का नोटिस आशीष मिश्र के घर के बाहर लगाया गया था, जिसके बाद आशीष मिश्रा ने क्राइम ब्रांच के सामने पेशी दी है.

इससे पहले जब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू लखीमपुर जा रहे थे तो उन्हें बीच में रोका भी गया, जहां पुलिस से उनकी काफी बहस हो गई थी.

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बता दें कि, लखीमपुर हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में जो भी कार्रवाई हुई है वो पर्याप्त नहीं है.

वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने भी केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे और उनके बेटे की गिरफ्तारी की मांग की है, साथ ही चेतावनी दी है कि 12 अक्टूबर तक उनकी मांगे पूरी होनी चाहिए.

लखीमपुर में क्या हुआ था?

लखीमपुर खीरी में बीजेपी नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को तेज रफ्तार गाड़ी ने रौंद दिया था. इस पूरी घटना में किसानों समेत कुल 8 लोगों की मौत हुई. जिन गाड़ियों से किसानों को कुचला गया वो आशीष मिश्र के काफिले की थी. किसानों का आरोप है कि इस दौरान मंत्री का बेटा खुद भी गाड़ी में मौजूद था और उसने फायरिंग भी की.

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