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जब भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट तबाह किया, कुछ न कर सका पाकिस्तान

कॉमिक्स में जानिए उस लड़ाई की कहानी जिसमें पाकिस्तानी नेवी की बुरी हार हुई थी.

इरम गौर & मालविका बालासुब्रह्मण्यम
भारत
Updated:
कराची में नौसेना ने हमला किया और कुछ ना कर सकी पाकिस्तानी एयरफोर्स
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कराची में नौसेना ने हमला किया और कुछ ना कर सकी पाकिस्तानी एयरफोर्स
फोटो: एरमगौर/द क्विंट

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3 दिसंबर 1971 को नेवी चीफ एसएम नंदा ने अपने कमांडर्स को इकट्ठा कर बनाई हमले की रणनीति
हमले का उद्देश्य कराची एयरपोर्ट को तबाह कर पश्चिमी पाकिस्तान को पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) से काटना था. इसके लिए INSनिर्घट, INSनिपट और आईएनएस वीर ने मोर्चा संभाला
इस मिशन का नाम ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ था. इसके कमांडर बबरु भान थे
गुजरात के ओखा से चलकर ये जंगी जहाज 4 दिसंबर को कराची पहुंचे. इन्होंने रात में हमला करने का प्लान बनाया.
रात 11 बजे निर्घट को अपना पहला टार्गेट दिखाई दिया
निर्घट ने मिसाइल के जरिए पाकिस्तानी जहाज पीएनएस खैबर पर हमला किया.
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खैबर के कप्तान को लगा यह हवाई हमला है
लेकिन खैबर डूबा नहीं. इसके बाद निर्घट ने दूसरी मिसाइल छोड़ी
पीएनएस खैबर डूब गया.  इसके बाद आईएनएस निपट को दो टार्गेट दिखाई दिए.
निपट ने दोनों जहाजों पर हमला किया. इसमें कार्गो शिप एमवी वीनस चैलेंजर डूब गई. वहीं उसकी अगुवाई कर रहा पीएनएस शाहजहां बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया. दूसरी ओर आईएनएस वीर ने पाकिस्तानी माइन स्वीपर पीएनएस मुहाफिज को नष्ट कर दिया. इसमें 33 सेलर्स की मौत हो गई.
इस बीच आईएनएस निपट, जो अकेला कराची के पास पहुंच गया था, उसने कराची के ऑयल डिपो पर मिसाइल लॉन्च कीं. बड़े धमाके के साथ ऑयल डिपो फट गया. पाकिस्तानी नेवी के पास अब फ्यूल नहीं था. इस बीच निपट को निर्घट से संदेश आया कि दुश्मन का हवाई जहाज उसकी ओर बढ़ रहा है.
लेकिन पाकिस्तानी एयरफोर्स लेट हो चुकी थी. भारतीय नौसेना मिशन खत्म कर वापस लौट रही थी. 6 दिसंबर को कमांडर यादव की स्ट्राइक फोर्स की वापसी हुई. इस हमले में 4 पाकिस्तानी जहाजों को डुबा दिया गया. कराची पोर्ट और ऑयल डिपो को बुरे तरीके से डैमेज कर दिया. इसलिए हम 4 दिसंबर को इंडियन नेवी डे मनाते हैं.

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Published: 03 Dec 2017,12:43 PM IST

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