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पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी के सीनियर नेता प्रफुल पटेल को कथित गैंगस्टर इकबाल मिर्ची से जुड़े एक लैंड डील मामले में ईडी ने समन भेजा है. ईडी ने प्रफुल को 18 अक्टूबर के लिए पूछताछ के लिए बुलाया है. इसके बाद प्रफुल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे मामले पर सफाई दी. प्रफुल ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची से लिंक होने के आरोपों से इनकार किया.
प्रवर्तन निदेशालय गैंगस्टर इकबाल मिर्ची और हाजरा के बीच हुई लैंड डील (अब सीजे हाउस) की जांच कर रही है. इकबाल मिर्ची ड्रग तस्कर था, जिसकी साल 2013 में मौत हो गई. मिर्ची अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी सहयोगी है, जिसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जा चुका है.
प्रफुल पटेल ने कहा, "हम न तो अब सीजे हाउस की देखरेख कर रहे हैं और न ही इसके इंचार्ज हैं. मेरे बारे में खबर गलत है. जिस जमीन पर सीजे हाउस बनाया गया था, वो जमीन 1963 में खरीदी गई थी और 65 लोगों को बेची गई थी."
प्रफुल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित लैंड डील के बारे विस्तार से बताया. उनके मुताबिक, साल 1963 में पटेल परिवार ने सिंधिया परिवार से मुंबई के वर्ली में अभी के सीजे हाउस की जमीन ली थी. इस जमीन के कुछ हिस्से पर पहले ही बिल्डिंग बनी हुई थी. 1978 में हजरा इकबाल मेनन और एक व्यक्ति ने इस प्लॉट पर अवैध कब्जा कर लिया. इसके बाद ये मामला कोर्ट पहुंच गया. कोर्ट ने कहा, जितनी जगह पर बिल्डिंग बनी हुई है, उतनी जगह हजरा इकबाल मेनन को दी जाए.
प्रफुल पटेल ने कहा, 14000 स्क्वायर फुट की जमीन हाजरा मेमन को बेची गई. हाजरा मेमन प्रशासन की निगरानी में पूरे नागरिक अधिकार का प्रयोग कर रही थीं.
प्रफुल पटेल ने बताया कि साल 2007 में उन्होंने ये प्रॉपर्टी हाजरा मेमन को ट्रांसफर कर दी. प्रशासन की निगरानी में ये पूरी डील हुई. हाजरा को अदालत ने अधिकार दिए थे. पटेल ने कहा, "मैंने कानूनी तौर पर हाजरा मेमन के नाम पर प्रॉपर्टी ट्रांसफर की."
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