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NCRB के ताजा आंकड़े ये साफ-साफ बता रहे हैं कि भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा. 'क्राइम इन इंडिया-2018' की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ 378,277 अपराध के मामले सामने आए, जो कि पिछले साल से 18,428 ज्यादा हैं. इनमें से 9% यानी कि 33,977 मामले रेप के दर्ज किए गए. महिलाओं से अपराध के मामले में मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्थिति बदतर नजर आ रही हैं. वहीं पुड्डुचेरी ऐसा राज्य है जो आस जगाता है.
पुडुचेरी, देश का एक ऐसा प्रांत है जहां 2018 में एक भी रेप केस सामने नहीं आया. इससे पहले 2017 में पुडुचेरी में रेप के 7 मामले सामने आए थे, जबकि इसी साल लक्षद्वीप में एक भी रेप केस नहीं हुआ था. 2018 रिपोर्ट में लक्षद्वीप में 2 रेप केस हुए हैं.
साल 2018 में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ दरिंदगी की गई. यहां 5450 महिलाओं से रेप किया गया. इनमें से भी ज्यादातर नाबालिग लड़कियों (2841) को दरिंदों ने अपनी हबस का शिकार बनाया. MP के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा रेप के मामले आए.
NCRB 2018 रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 27.8 फीसदी नाबालिग लड़कियों (9,433) को रेप का शिकार बनाया गया. इनमें से 29 राज्यों से 9,365 और 7 केंद्र शासित प्रदेश से 68 मामले सामने आए. नाबालिग लड़कियों से रेप मामले में भी मध्य प्रदेश सबसे आगे है.
साल 2018 में छह साल से छोटी बच्ची से रेप के मामले सबसे ज्यादा यूपी (67) में देखे गए हैं. 29 में 14 राज्यों में छोटी बच्चियों से दरिंदगी के मामले सामने आए हैं.
NCRB 2018 रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में आधे से ज्यादा रेप 18 से 30 उम्र वर्ग (51.9%) की महिलाओं के साथ हुए.
इन आंकड़ों से साफ है कि महिला सुरक्षा के मामले में हमारे देश की सरकारों को अभी भी बहुत कुछ करना है.
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