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एनडीटीवी के संस्थापक डॉ. प्रणय रॉय और राधिका रॉय को शुक्रवार 9 अगस्त को मुंबई एयरपोर्ट पर रोक लिया गया. दोनों उस वक्त विदेश रवाना हो रहे थे लेकिन उन्हें मुंबई एयरपोर्ट पर रोक दिया गया. सीबीआई के मुताबिक, दोनों के खिलाफ 2017 के एक मामले में एजेंसी की ओर से लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था, जिसके चलते उन्हें रोका गया.
एनडीटीवी ने कंपनी संस्थापकों के खिलाफ कार्रवाई को मीडिया की आजादी का पूरी तरह उल्लंघन बताया है. एनडीटीवी ने एक बयान में कहा कि कंपनी के दोनों संस्थापकों को "सीबीआई ने दो साल पहले चालू किए गए भ्रष्टाचार के एक फर्जी और निराधार मामले के आधार पर रोका."
दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े कथित धोखाधड़ी से संबंधित मामले में जून में दोनों के खिलाफ सावधानी के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि दोनों को इसी नोटिस के आधार पर देश छोड़ने से रोका गया है.
अधिकारियों ने कहा कि यह लुकआउट सर्कुलर सिर्फ दोनों को देश छोड़ने से रोकने के लिए है, हिरासत में लेने के लिए नहीं.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, दोनों के खिलाफ जून 2019 में लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था.
एनडीटीवी ने इसके तुरंत बाद बयान जारी कर कहा कि दोनों को गलतल तरीके से विदेश जाने से रोक जा रहा है. हालांकि, मीडिया समूह की ओर से जारी बयान में ये नहीं बताया गया कि दोनों किस देश जाने वाले थे लेकिन ये बताया गया है कि 15 तारीख तक प्रणय और राधिका की वापसी होनी थी.
एनडीटीवी ने इसे अधिकारों को और मीडिया की आवाज को कुचलने की कोशिश बताया.
एनडीटीवी ने सीबीआई के इस केस को फर्जी बताते हुए कहा कि रॉय दंपत्ति ने इसको दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
सीबीआई ने दो जून 2017 को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद बयान में कहा था कि वह कर्ज चूक की जांच नहीं कर रही है बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों , सेबी के दिशा - निर्देशों के उल्लंघन और आईसीआईसीआई बैंक की ओर से कंपनी के कर्ज पर ब्याज दर में कमी की जांच कर रही है. इसके कारण बैंक को कथित रूप से 48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
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