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पाकिस्तान के साथ तनाव के चलते इन दिनों भारत का पूरा ध्यान पश्चिमी मोर्चे पर लगा है. ऐसे में पाकिस्तान का सहयोगी चीन डोकलाम में सैन्य बल बढ़ाकर भारत पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहा है. द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन डोकलाम में न सिर्फ सैन्य बल बढ़ा रहा है, बल्कि इलाके में सड़क और हेलिपैड बनाने की भी कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से हालात बताए गए हैं.
रिपोर्ट कहती है कि सैटेलाइट से मिली ताजा तस्वीरें बताती हैं कि डोकलाम इलाके में चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ी हैं. सैटेलाइट तस्वीरों को देखने पर साफ पता चलता है कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी यातोंग सेक्टर में क्या कर रही है.
पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने सर्दियां कम होते और गर्मी की दस्तक के साथ ही अपनी निर्माण गतिविधियों को बढ़ा दिया है. चीन ने इस इलाके में कई स्थायी निर्माण किए हैं, जिन्हें स्टोरेज , वाहनों की पार्किंग और जवानों के ठहरने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इतना ही नहीं इस इलाके में एक हेलिपैड भी बनाया गया है. ये
सैटेलाइट की तस्वीरों के मुताबिक, इलाके में करीब 25 मीटर x 40 मीटर का एक हार्ड-स्टैंडिंग बनाया गया है, जो संभवतः हेलिकॉप्टरों के उतरने का हेलिपैड हो सकता है, जो कि खास तौर पर जेड -10 या जेड -19 जैसे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के लिए इस्तेमाल हो सकता है.
यहां किसी भी हेलीकॉप्टर की तैनाती में ईंधन भरने और मरम्मत जैसी अन्य सहायता सुविधाओं की आवश्यकता होगी. संभव है कि इन सुविधाओं का इंतजाम भी जल्दी ही किया जा सकता है.
सैटेलाइट की तस्वीरों में दो जगहें ऐसी दिख रहीं हैं, जहां कम से कम एक बटालियन हो सकती है. इन जगहों पर वाहन भी खड़े देखे जा सकते हैं.
डोकलाम पठार से बमुश्किल 2 किलोमीटर दूर, रिवर्स ढलान पर कम से कम सौ वाहन खड़े हैं. इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में टेंट भी दिखाई पड़ते हैं, जबकि कई अन्य उल्टे ढलान पर बड़े पेड़ों के नीचे छिपे टेंट देखे जा सकते हैं.
इसके अलावा कई दूसरे स्थानी और अस्थायी निर्माण देखे जा सकते हैं, संभव है कि इनका इस्तेमाल जवानों के ठहरने के लिए किया जा रहा हो.
पठार के नीचे टोरसा नदी के पश्चिम में एक नई सड़क का निर्माण किया गया है. सड़क चोटी के ऊपर बने नए हेलिपोर्ट तक बनी दिखती है.
नई सड़क उसी भूरी मिट्टी से बनी दिखती है, जिसे एरियल व्यू या सैटेलाइट से आसानी से नहीं देखा जा सकता है. ये सड़क डोकलाम पठार तक जाने वाली नई काली-चोटी की सड़क से जुड़ती है.
इसके अलावा पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि लद्दाख रेंज में भी भारतीय सीमा के पास चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. उन्होंने इस इलाके में कुछ स्थायी निर्माण भी किए हैं, जो कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है.
भारत और चीन के सैनिक साल 2017 में 16 जून से 73 दिन तक आमने-सामने थे. इस क्षेत्र में चीनी सेना की ओर से किए जा रहे सड़क निर्माण के काम को भारतीय पक्ष ने रोक दिया था जिसके बाद ये गतिरोध शुरू हुआ. 28 अगस्त 2017 को ये विवाद खत्म हुआ था. इसके बाद भी कई बार इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियों की खबर आती रही हैं.
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