Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राजीव गांधी पर टिप्पणी पड़ी भारी,Netflix कर सकता है कंटेट को सेंसर

राजीव गांधी पर टिप्पणी पड़ी भारी,Netflix कर सकता है कंटेट को सेंसर

भारतीय सरकार की सेंसरशिप से बचने के लिए नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार ये कदम उठाने जा रहे हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
भारत में नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार अपने कंटेट के लिए सेल्फ-रेगुलेशन गाइडलाइन प्लान अपनाने के बारे में सोच रहा है.
i
भारत में नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार अपने कंटेट के लिए सेल्फ-रेगुलेशन गाइडलाइन प्लान अपनाने के बारे में सोच रहा है.
null

advertisement

भारत में नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार अपने कंटेट के लिए सेल्फ-रेगुलेशन गाइडलाइन प्लान अपनाने के बारे में सोच रहा है. भारतीय सरकार की सेंसरशिप से बचने के लिए नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार ये कदम उठाने जा रहे हैं. भारत में फिल्म और टीवी कंटेंट को सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाएं हैं लेकिन ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के कंटेंट पर सेंसरशिप को लेकर किसी भी तरह का कानून नहीं है.

लेकिन क्योंकि पिछले साल नेटफ्लिक्स को अपनी ओरिजनल सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ में पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस लीडर राजीव गांधी के अपमान को लेकर कानून लड़ाई लड़नी पड़ी थी, इसलिए वो अब सेल्फ सेंसरशिप के बारे में सोच रहे हैं.

सेक्रेड गेम्स के दूसरे पार्ट के लिए Netflix की टीम में कोई बदलाव नहीं (फोटो: Twitter/Facebook)

राजीव गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर नेटफ्लिक्स को कोर्ट में घसीटा गया था. जिसके बाद ऑनलाइन स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में एक डर बैठ गया था कि हो सकता है भविष्य में सरकार उनके कंटेंट की जांच या रेगुलेट करने के लिए कोई संस्था न बना दे. Reuters पर छपी खबर के मुताबिक ये ऑनलाइन कंपनियां जिस ड्राफ्ट को अपनाएंगी वो तैयार हो चुका है. उस ड्राफ्ट में लिखा है कि ये दोनों प्लेटफॉर्म(नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार) किसी भी ऐसे कंटेंट का बहिष्कार करेंगे जहां किसी बच्चे को सेक्सुअल एक्टिविटी करते हुए दिखाया गया हो, भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हो रहा हो या फिर ‘आतंकवाद’ को बढ़ावा दिया जा रहा हो.

अमेजन प्राइम वीडियो इस ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर नहीं करेगा, हालांकि उन्होंने इसे बनवाने में मदद की है. सूत्रों के मुताबिक अमेजन प्राइम वीडियो का मानना है कि कंपनी सरकार के अनिवार्य नियमन की गैरमौजूदगी में कोई कार्य नहीं करना चाहती है.

ड्राफ्ट कोड में ये भी लिखा है कि कंपनिया जो उस पर हस्ताक्षर करेंगी वो किसी भी ऐसे कंटेंट जिसमें “ जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किसी भी वर्ग या समुदाय की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने की कोशिश हो” उसे रोकेंगी.

ड्राफ्ट के मुताबिक कंपनियां अपने ऑफिस में एक व्यक्ति, टीम या डिपार्टमेंट को नियुक्त कर सकती है जो कंज्यूमर से जुड़ी चिंताओं और शिकायतों का जवाब दे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT