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माथे पर लाल तिलक, हाथ में लाल-पीला कलावा और गले में भगवा गमछा. जी हां, यूपी में कुछ इसी तरह अपनी पहचान गढ़ रहे हैं फर्जी भगवाधारी. ये फर्जी भगवा धारी धर्म या संस्कृति के रक्षक तो नहीं लेकिन समाज में सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए खतरा जरूर हैं. ये खतरा सूबे में धीरे-धीरे बढ़ रहा है. दरअसल, यूपी में योगी सरकार आने के बाद गली-मोहल्ले में नए हिंदूवादी और भगवाधारी संगठन पैदा हो रहे हैं. पुराने कार्यकर्ता योगी के भगवा कपड़ों और उनकी हिंदूवादी नेता की छवि के सहारे दबंगई करने के लिए फिर सक्रिय हो गए हैं. क्या सोशल मीडिया पर हिंदुत्व और भगवा के नाम पर खुलेआम गुंडागर्दी करने के लिए फौज तैयार की जा रही है?
यूपी में योगी सरकार बनने के बाद ऐसे संगठनों के गठन और सड़कों पर हिंदुत्व का सहारा लेकर हिंसा करने वालों में अचानक तेजी आई है. उग्र हिंदुत्व की राह पर बने इन संगठनों का एक ही सिद्धांत है- मुस्लिम विरोध. हां, इसके जरिए अलग-अलग हो सकते हैं. कहीं लव जेहाद, कहीं गोरक्षा तो कहीं धार्मिक स्थलों के नाम पर उन्माद फैलाया जा रहा है. आलम ये है कि इसके लिए इन्हें हिंसा और कानून को अपने हाथ में लेने से भी गुरेज नहीं है.
यूपी में योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं पर पहले से ही गंभीर आरोप लग रहे हैं. ऐसे में अब इस तरह के स्वघोषित हिंदू रक्षक दल चुनौती के तौर पर उभर रहे हैं. इस तरह के ग्रुप फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय हैं. व्हाट्सऐप पर भी हिंदुत्व और भगवा के नाम पर अलग-अलग ग्रुप बनाकर ये संगठन अपनी दूषित विचारधारों लोगों तक पहुंचा रहे हैं.
हाल ही में यूपी के कानपुर में उत्तरीपुरा इलाके में राष्ट्रीय भगवा फोर्स के कुछ पोस्टर लगे पाए गए. इन पोस्टरों पर भगवा फोर्स के नेता और कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी लगी हुई थी. भगवा फोर्स के नेता और कार्यकर्ता अपने नाम के आगे हिंदूवादी लिखना पसंद करते हैं.
इन तथाकथित हिंदूवादी संगठनों और भगवाधारियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि ये पुलिस को भी निशाना बनाने से नहीं हिचक रहे हैं.
आगरा के फतेहपुर सीकरी में बीते शनिवार दो पक्षों में हुए झगड़े के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया था. इन लोगों को छुड़ाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने सदर बाजार थाने पहुंचकर जमकर बवाल किया. प्रदर्शनकारियों के हौसले इस कदर बुलंद थे कि उन्होंने न सिर्फ हवालात का ताला तोड़ने की कोशिश की बल्कि कुछ पुलिसवालों पर भी हमला कर दिया.
खबरों के मुताबिक, वीएचपी के एक नेता ने सीओ को थप्पड़ तक जड़ दिया. जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. दोनों ओर से तकरीबन आधे घंटे तक पथराव होता रहा. हिंसा में कई लोगों को चोटें आईं. इस मामले में पुलिस ने 14 लोगों को हिरासत में लिया है और करीब एक सैकड़ा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
यूपी के सहारनपुर जिले में गुरुवार को एक शोभायात्रा निकालने को लेकर दो पक्षों में झड़प हो गई. अंबेडकर जयंती समारोह के मौके पर ये शोभायात्रा बिना प्रशासन की अनुमति के बलपूर्वक निकाली गई. जबरन शोभायात्रा निकाले जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की और यात्रा छोटी कर दी.
शोभायात्रा की दूरी छोटी किए जाने से नाराज बीजेपी सांसद राघव लखनपाल ने अपने समर्थकों के साथ एसएसपी का घर घेर लिया. भीड़ ने एसएसपी के आवास में तोड़फोड़ की और एसएसपी की नेम प्लेट भी उखाड़ दी गई.
योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद से इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. सीएम योगी ने भी इसपर संज्ञान लेते हुए हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं को हिदायत भी दी, लेकिन सीएम की हिदायत से भी हिंदुत्व के नाम पर उन्माद फैलाने वाले इन कार्यकर्ताओं ने कोई सीख नहीं ली.
कानून व्यवस्था के नाम पर सत्ता में आई योगी सरकार के लिए इस तरह के उग्र तेवरों वाले हिंदूवादी संगठनों से निपटना बड़ी चुनौती होगी.
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