यूपी में भगवा संगठनों की बाढ़, आड़ में गुंडागर्दी?

योगी सरकार पर भारी न पड़ जाएं तथाकथित हिंदूवादी संगठन

अंशुल तिवारी
भारत
Published:
 (फोटो: द क्विंट)
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(फोटो: द क्विंट)
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माथे पर लाल तिलक, हाथ में लाल-पीला कलावा और गले में भगवा गमछा. जी हां, यूपी में कुछ इसी तरह अपनी पहचान गढ़ रहे हैं फर्जी भगवाधारी. ये फर्जी भगवा धारी धर्म या संस्कृति के रक्षक तो नहीं लेकिन समाज में सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए खतरा जरूर हैं. ये खतरा सूबे में धीरे-धीरे बढ़ रहा है. दरअसल, यूपी में योगी सरकार आने के बाद गली-मोहल्ले में नए हिंदूवादी और भगवाधारी संगठन पैदा हो रहे हैं. पुराने कार्यकर्ता योगी के भगवा कपड़ों और उनकी हिंदूवादी नेता की छवि के सहारे दबंगई करने के लिए फिर सक्रिय हो गए हैं. क्या सोशल मीडिया पर हिंदुत्व और भगवा के नाम पर खुलेआम गुंडागर्दी करने के लिए फौज तैयार की जा रही है?

यूपी में योगी सरकार बनने के बाद ऐसे संगठनों के गठन और सड़कों पर हिंदुत्व का सहारा लेकर हिंसा करने वालों में अचानक तेजी आई है. उग्र हिंदुत्व की राह पर बने इन संगठनों का एक ही सिद्धांत है- मुस्लिम विरोध. हां, इसके जरिए अलग-अलग हो सकते हैं. कहीं लव जेहाद, कहीं गोरक्षा तो कहीं धार्मिक स्थलों के नाम पर उन्माद फैलाया जा रहा है. आलम ये है कि इसके लिए इन्हें हिंसा और कानून को अपने हाथ में लेने से भी गुरेज नहीं है.

भगवा फोर्स और कट्टर हिंदू आर्मी जैसे संगठनों की बाढ़

यूपी में योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं पर पहले से ही गंभीर आरोप लग रहे हैं. ऐसे में अब इस तरह के स्वघोषित हिंदू रक्षक दल चुनौती के तौर पर उभर रहे हैं. इस तरह के ग्रुप फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय हैं. व्हाट्सऐप पर भी हिंदुत्व और भगवा के नाम पर अलग-अलग ग्रुप बनाकर ये संगठन अपनी दूषित विचारधारों लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

हाल ही में यूपी के कानपुर में उत्तरीपुरा इलाके में राष्ट्रीय भगवा फोर्स के कुछ पोस्टर लगे पाए गए. इन पोस्टरों पर भगवा फोर्स के नेता और कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी लगी हुई थी. भगवा फोर्स के नेता और कार्यकर्ता अपने नाम के आगे हिंदूवादी लिखना पसंद करते हैं.

स्थानीय मीडिया के मुताबिक- राष्ट्रीय भगवा फोर्स के स्वयंभू जिला महामंत्री प्रान्जुल मिश्रा का सीधा बयान है- जो भी गोमाता और राष्ट्र के बारे में गलत बोल रहा है हमें उसके साथ हिंसक होने में कोई संकोच नहीं. लव जिहाद भी इनके लिए बड़ा मुद्दा है. मुसलमान, मुसलमान से प्यार करे और हिन्दू, हिन्दू से तो हमें कोई एतराज नहीं. संगठन के एक नेता विशाल का कहना है कि ऐसे मामलों में थाने जाना हमारा काम नहीं, हमारा लक्ष्य जब सामने होता है तब हम जबान के बजाय हाथ चलाने में ज्यादा भरोसा रखते हैं. पुलिस पर हमारा भरोसा नहीं है. इसलिए फैसला खुद ही कर देते हैं. हम ऐसा कुछ देखते हैं तो बस पकड़ कर उसे ठोकने से मतलब है.
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पुलिस पर हावी हो रहे हैं तथाकथित हिंदूवादी संगठन

इन तथाकथित हिंदूवादी संगठनों और भगवाधारियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि ये पुलिस को भी निशाना बनाने से नहीं हिचक रहे हैं.

केस-1 | आगरा हिंसा: 14 लोग गिरफ्तार, 200 के खिलाफ केस दर्ज

आगरा के फतेहपुर सीकरी में बीते शनिवार दो पक्षों में हुए झगड़े के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया था. इन लोगों को छुड़ाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने सदर बाजार थाने पहुंचकर जमकर बवाल किया. प्रदर्शनकारियों के हौसले इस कदर बुलंद थे कि उन्होंने न सिर्फ हवालात का ताला तोड़ने की कोशिश की बल्कि कुछ पुलिसवालों पर भी हमला कर दिया.

खबरों के मुताबिक, वीएचपी के एक नेता ने सीओ को थप्पड़ तक जड़ दिया. जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. दोनों ओर से तकरीबन आधे घंटे तक पथराव होता रहा. हिंसा में कई लोगों को चोटें आईं. इस मामले में पुलिस ने 14 लोगों को हिरासत में लिया है और करीब एक सैकड़ा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

केस- 2 | सहारनपुरः SSP आवास में घुस गए उपद्रवी

यूपी के सहारनपुर जिले में गुरुवार को एक शोभायात्रा निकालने को लेकर दो पक्षों में झड़प हो गई. अंबेडकर जयंती समारोह के मौके पर ये शोभायात्रा बिना प्रशासन की अनुमति के बलपूर्वक निकाली गई. जबरन शोभायात्रा निकाले जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की और यात्रा छोटी कर दी.

शोभायात्रा की दूरी छोटी किए जाने से नाराज बीजेपी सांसद राघव लखनपाल ने अपने समर्थकों के साथ एसएसपी का घर घेर लिया. भीड़ ने एसएसपी के आवास में तोड़फोड़ की और एसएसपी की नेम प्लेट भी उखाड़ दी गई.

इस घटना के बाद एसएसपी की पत्नी ने लोक मीडिया से बात करते हुए कहा- मैं एक IPS की पत्नी हूं. अलीगढ़, गोरखपुर, मुरादाबाद जैसे संवदेनशील जिलों में पति के साथ रही हूं. लेकिन सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाने वाली एसएसपी कोठी पर ढाई घंटे तक मैंने उस दिन जो मंजर देखा, उससे सहम गई हूं. मैंने अपने 6 और 8 साल के बच्चों की आंखों में जो खौफ देखा, उसे भूल नहीं सकती. पहले कभी वो इतनी जोर-जोर से चीख कर नहीं रोए, जितना उस शाम को.

सीएम योगी की हिदायत से भी नहीं ली सीख

योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद से इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. सीएम योगी ने भी इसपर संज्ञान लेते हुए हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं को हिदायत भी दी, लेकिन सीएम की हिदायत से भी हिंदुत्व के नाम पर उन्माद फैलाने वाले इन कार्यकर्ताओं ने कोई सीख नहीं ली.

हमारी सरकार में भ्रष्टाचार और अराजकता के साथ कोई समझौता नहीं होगा. मैं कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि आपकी मेहनत से ही सूबे में सरकार बनी है. इसलिए सरकार पर सवाल खड़ा होने की नौबत नहीं आनी चाहिए. मैं कहूंगा कि कानून को अपने हाथ में मत लीजिए, कानून के रखवाले अपना काम करेंगे. अधिकारियों को सूचना दीजिए.
<b>योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री</b>

कानून व्यवस्था के नाम पर सत्ता में आई योगी सरकार के लिए इस तरह के उग्र तेवरों वाले हिंदूवादी संगठनों से निपटना बड़ी चुनौती होगी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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