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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में डिस्पोजेबल प्लास्टिक को बैन कर दिया है. यह आदेश 1 जनवरी 2017 से लागू हो जाएगा.
एनजीटी ने एमसीडी, डीडीए और इस तरह के दूसरे संस्थानों को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द दिल्ली में पहले से जमा कूड़े-कचरे को खत्म करने के लिए कदम उठाएं.
जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने ओखला के वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट को बंद करने से मना कर दिया. साथ ही ओखला समेत दो अन्य प्लांट गाजीपुर और भालस्वा को इकोफ्रेंडली ऑपरेशन के लिए निर्देश जारी किए.
पीठ ने एक निरीक्षण समिति भी तैयार की है. इसमें सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड और दिल्ली पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य, आईआईटी दिल्ली के एक प्रोफेसर समेत पर्यावरण और वन मंत्रालय के एक सीनियर वैज्ञानिक होंगे. ये समिति 6 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट जमा करेगी और दो महीने में एक बार प्लांट में निरीक्षण और विजिट करेगी.
ये आदेश सुखदेव विहार रेजिडेंट्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान आए हैं. इस याचिका में वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट को बंद करने की मांग की गई थी और कहा गया था कि ये प्लांट अवैध मास बर्निंग टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है.
इंपुट- भाषा
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