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नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 29 अक्टूबर को टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली और श्रीनगर के नौ स्थानों पर 6 एनजीओ और ट्रस्टों पर छापे मारे. ये छापा ग्रेटर कश्मीर अखबार के परिसर, और दूसरी संस्थाओं और लोगों पर छापे के एक दिन बाद मारा गया.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, जिन 6 एनजीओ और ट्रस्ट पर छापे मारे गए हैं, उसमें फलाह-ए-आलम ट्रस्ट, चैरिटी अलायंस, ह्यूमन वेल्फेयर फाउंडेशन, जेके यतीम फाउंडेशन, सैल्वेशन मूवमेंट और J&L वॉइस ऑफ विक्टिम्स (JKVoV) शामिल हैं.
जांच में शामिल NIA के एक अधिकारी ने IANS को बताया कि एजेंसी श्रीनगर और दिल्ली में छह एनजीओ और ट्रस्टों के 9 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, चैरिटी अलायंस और ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन दिल्ली में बेस्ड हैं, वहीं बाकी एनजीओ और ट्रस्ट श्रीनगर में स्थित हैं.
NIA ने बुधवार को ग्रेटर कश्मीर के परिसर समेत श्रीनगर और बांदीपुर में 11 स्थानों पर और बेंगलुरु में एक स्थान पर छापा मारा था.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये छापे “विश्वसनीय जानकारी के आधार पर किए गए थे कि कुछ गैर-सरकारी संगठन और ट्रस्ट डोनेशन और बिजनेस योगदान आदि के माध्यम से घरेलू और विदेशों में फंड इकट्ठा कर रहे हैं, और फिर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए इन फंड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं."
जम्मू और कश्मीर सिविल सोसाइटी के कोर्डिनेटर खुर्रम परवेज के निवास और दफ्तर में तलाशी ली. उनके सहयोगी परवेज अहमद बुखारी, परवेज अहमद मट्टा और बेंगलुरु स्थित सहयोगी स्वाति शेशाधरी के घर पर भी छानबीन की गई. एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स ऑफ डिसएपर्ड पर्सन्स (APDAK) के चेयरपर्सन, परवीन अहमगर और एनजीओ एथ्राउट और जीके ट्रस्ट के कार्यालयों पर भी छापा मारा गयाय
NIA ने 8 अक्टूबर को IPC और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. उसी के तहत ये कार्रवाई की जा रही है.
कश्मीर एडिटर्स गिल्ड (KEG) ने बुधवार को श्रीनगर में NIA द्वारा छापा मारने की निंदा की
KEG ने एक बयान जारी कर कहा, “कश्मीर की मीडिया को लंबे समय से राज्य और गैर-राज्य द्वारा टारगेट किया जा रहा है. कश्मीरी मीडिया ने एक पेशेवर संस्थान होने का रिकॉर्ड साबित किया है, जिसने अपने मूल पत्रकारिता मूल्यों को बनाए रखते हुए निष्पक्षता बनाए रखी है.”
गिल्ड ने कश्मीर में एक पत्रकार होने की "लागत" पर भी चिंता व्यक्त की. गिल्ड ने कहा कि वो ये आशा करता है कि कश्मीरी मीडिया को "परेशानियों और बाधाओं" के बिना काम करने की अनुमति है.
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