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NIA के समन पर किसान नेता सिरसा बोले-आंदोलन को तोड़ने की सरकारी चाल

सिरसा का संगठन LBISW सरकार से कृषि कानूनों पर कर रहा है बातचीत, इसी बीच उन्हें NIA का समन आया है

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भारत
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LBIWS के प्रेसिडेंट बलदेव सिंह सिरसा
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LBIWS के प्रेसिडेंट बलदेव सिंह सिरसा
फोटो: फेसबुक

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नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (LBIWS) के प्रेसिडेंट बलदेव सिंह सिरसा को समन भेजा है.

बता दें LBIWS उन संगठनों में से एक है, जो सरकार से नए कृषि कानूनों पर बात कर रहे हैं. यह समन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के एक नेता पर दर्ज हुए मुकदमे के सिलसिले में भेजा गया है.

समन पर प्रतिक्रिया देते हुए सिरसा ने इसे किसान आंदोलन को पटरी से उतारने की मंशा रखने वाला कदम बताया.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सिरसा ने कहा, "पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिए किसान आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश की, अब वो NIA का इस्तेमाल कर रही है."

सिरसा को 17 जनवरी को नई दिल्ली स्थित NIA के हेडक्वार्टर में आने के लिए कहा गया है. यहां उनसे SFJ के गुरपटवंत सिंह पन्नू के बारे में बात होगी. पन्नू पर "भय और अराजकता का माहौल बनाने और लोगों में असंतोष भरने और उन्हें भारत सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाने" का आरोप है.

शुक्रवार को LBIWS की तरफ से पूरन सिंह भारत सरकार के साथ नौंवे दौर की बातचीत में शामिल हुए थे. सिरसा ने आगे कहा,

"कई लोग जो किसान प्रदर्शन से जुड़े हुए हैं, उन्हें यह समन भेजे जा रहे हैं. यह किसानों के लिए काम करने वाले लोगों को डराने की कोशिश है. लेकिन हम पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. हम नहीं झुकेंगे. NIA 26 जनवरी को किसान परेड को रुकवाने के लिए दिन-रात काम कर रही है."
बलदेव सिंह सिरसा

क्या है मुकदमा

NIA की FIR में सिख फॉर जस्टिस को एक गैरकानूनी संगठन बताते हुए, संगठन पर UAPA, 1967 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन पर एक षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है.

FIR के मुताबिक, "भारत सरकार और अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और कई देशों में भारतीय दूतावासों पर प्रदर्शन और प्रोपेगेंडा को करने के लिए विदेशों में बड़ी मात्रा में पैसा इकट्ठा किया जा रहा है."

FIR कहती है, "जिस पैसे को इकट्ठा किया जा रहा है, उसे गैर सरकारी संगठनों के जरिए भारत में खालिस्तान समर्थकों को भेजा जा रहा है, ताकि आतंकी गतिविधियां की जा सकें और भारत के लोगों के मन में डर बैठाया जा सके."

FIR के मुताबिक, "SFJ के नेतृत्व ने बड़े स्तर की उथल-पुथल मचाने वाली गतिविधियों की योजना बनाई ताकि सरकार और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा सके और भारतीय समुदाय की जिंदगी के लिए जरूरी आपूर्ति सेवाओं को बाधित किया जा सके."

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