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कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में निपाह वायरस के फैलने के डर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम जनता और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में यह बताया गया है कि आम जनता और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को अति जोखिम वाले इलाकों में क्या एहतियाती कदम उठाने चाहिए.
इसके साथ ही एडवाइजरी में यह जानकारी भी दी गई है कि यह बीमारी कैसे फैलती है और इसके क्या लक्षण होते हैं.
एडवाइजरी में कहा गया है कि बीमारी के कारण मारे गए लोगों के शवों का अंतिम संस्कार सरकारी परामर्श के अनुसार करना चाहिए. इस भावुक क्षण के दौरान बीमारी को परिवार के सदस्यों तक फैलने से रोकने के लिए विधि विधानों में बदलाव करने चाहिए.
केरल में सामने आए निपाह वायरस के मामलों के बाद भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) ने ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड सरकार से खत लिखकर उनसे वहां विकसित की गई एक एंटीबॉडी उपलब्ध कराने को कहा है जिससे यह जांचा जा सके कि क्या यह इंसानों में भी वायरस को ‘‘काबू'' कर सकती है.
इस एंटीबॉडी का परीक्षण अब तक इंसानों पर नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा , ‘‘ऑस्ट्रेलिया में इसका सिर्फ विट्रो (शरीर के बाहर कृत्रिम परिस्थितियों में , अक्सर परखनली में) परीक्षण हुआ है और इसे प्रभावी पाया गया. इंसानों पर लेकिन इसका परीक्षण नहीं हुआ है.''
भार्गव ने स्पष्ट किया कि इससे वैक्सीन नहीं बनेगा. आईसीएमआर भारत में बायो मेडिकल रिसर्च के विकास और बढ़ावा देने के लिये सबसे बड़ी संस्था है.
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