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निर्भया के दोषी की पत्नी ने मांगा तलाक,विधवा के तौर पर नहीं रहना

अक्षय की पत्नी पुनीता ने बिहार के औरंगाबाद की एक कोर्ट में अर्जी दाखिल की है

आईएएनएस
भारत
Updated:
अक्षय की पत्नी पुनीता ने बिहार के औरंगाबाद की एक कोर्ट में अर्जी दाखिल की है
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अक्षय की पत्नी पुनीता ने बिहार के औरंगाबाद की एक कोर्ट में अर्जी दाखिल की है
(फाइल फोटो: PTI)

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देश को झकझोर देने वाले निर्भया गैंग रेप केस और हत्या मामले के दोषी फांसी के फंदे से बचने के लिए अलग-अलग तरीके आजमा रहे हैं. अब चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पत्नी पुनीता ने स्थानीय फैमिली कोर्ट में अर्जी देकर पति से तुरंत तलाक दिलाने की मांग की है, क्योंकि वह विधवा के तौर पर अपनी जिंदगी नहीं गुजार सकती.

इस अर्जी पर अगली सुनवाई 19 मार्च को होनी है. जबकि दिल्ली के तिहाड़ जेल में आरोपी अक्षय को फांसी पर लटकाने की तारीख 20 मार्च, 2020 मुकर्रर की जा चुकी है.

अक्षय की पत्नी पुनीता ने बिहार के औरंगाबाद की एक कोर्ट में दाखिल अर्जी में लिखा है,

“मेरे पति को सजा-ए-मौत दी जानी है. जबकि मेरे पति निर्दोष हैं. ऐसे में मैं अपनी जिंदगी एक दुष्कर्मी पति की विधवा बनकर नहीं गुजार सकती, लिहाजा मुझे कानूनी तौर पर पति की मौत से पहले ही तलाक दिलवाया जाए.”
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वहीं औरंगाबाद में मीडिया से बातचीत में पुनीता के वकील मुकेश कुमार सिंह ने कहा,

“मेरी मुवक्किल (अक्षय कुमार सिंह की पत्नी पुनीता सिंह) पीड़ित महिला का यह मौलिक और कानूनी अधिकार है. इसीलिए मैंने उसकी तरफ से फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है.”

वकील ने कहा, "पीड़ित महिला का यह कानूनी अधिकार है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कुछ विशेष हालातों में तलाक मांग सकती है. इसमें रेप का मामला भी बनता है."

दिल्ली की तीस हजारी अदालत में तलाक और आपराधिक मामलों के सीनियर एडवोकेट सतेंद्र शर्मा ने मंगलवार को मीडिया से कहा,

“कानून कहता है कि अगर किसी महिला का पति रेप के आरोप में मुजरिम करार दिय जाए तो पत्नी अदालत से कानूनी तौर पर तलाक दिलवाए जाने का अनुरोध कर सकती है.”

निर्भया के दोषी मुकेश, अक्षय, पवन गुप्ता और विनय लंबे समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. चारों मौत की सजा के खिलाफ नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं. हाल ही में निर्भया के दोषी फांसी के फंदे से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अदालत भी जा पहुंचे हैं. साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का भी दरवाजा खटखटाया है.

कानून के जानकार बताते हैं कि ये सब दोषियों के वकीलों द्वारा महज वक्त जाया करने के तौर-तरीके हैं. मामला जहां तक पहुंच चुका है, उसके बाद अब सजा कम होने की गुंजाइश न के बराबर है.

यह भी पढ़ें: निर्भया का दोषी बोला- घटना के वक्त दिल्ली में नहीं था,याचिका खारिज

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Published: 18 Mar 2020,08:21 AM IST

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