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निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जानी है. हालांकि दोषियों के वकील फांसी टलवाने के लिए याचिका पर याचिका दायर कर रहे हैं. 19 मार्च को वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट रद्द करने की याचिका दायर की थी. इसे कोर्ट ने रद्द कर दिया था. अब दोषियों के वकील ने इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे दी है. हाई कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
हाई कोर्ट ने दोषियों के वकील से कहा कि इस अपील के साथ कोई हलफनामा और दूसरे पक्ष को दिया गया नोटिस शामिल नहीं है, क्या आप के पास याचिका दायर करने की इजाजत थी. इस पर वकील एपी सिंह ने जवाब दिया, "कोरोनावायरस की वजह से फोटोकॉपी मशीन नहीं चल रही थी."
कोर्ट ने इस बात पर वकील से कहा, "आप आज तीन बार कोर्ट गए हैं. आप ये नहीं कह सकते कि चीजें नहीं मिल रही हैं. हम आपको रात 10 बजे सुन रहे हैं."
वकील ने कोर्ट से कहा है कि दोषियों की एक याचिका NHRC में लंबित है तो ऐसे में फांसी कैसे हो सकती है. इस पर कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फांसी पर फैसला आ चुका है, अब हम उसकी समीक्षा नहीं कर सकते. कोर्ट ने वकील से ये भी कहा कि आप कानूनी बातों पर ही बहस करें, हमें आपके तर्क नहीं समझ पा रहे हैं.
कोर्ट ने दोषियों के वकील से कहा, "समय निकलता जा रहा है. अब आपके मुवक्किल का भगवान से मिलने का समय आ गया है. हम आखिरी समय में आपकी मदद नहीं कर सकते. आपके पास 4-5 घंटे हैं. आपके पास कोई तर्क है तो दीजिए."
निर्भया गैंगरेप के दोषियों को अगले कुछ ही घंटों बाद फांसी हो सकती है. चारों दोषियों की डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका भी पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी. दोषियों के वकील एपी सिंह की लाख कोशिशों के बाद भी अब वो फांसी के काफी करीब हैं. सभी विकल्प खत्म हो चुके हैं, ऐसे में अब वकील एपी सिंह ने कहा है कि चाहे दोषियों को इंडो-पाक बॉर्डर पर भेज दें या फिर डोकलाम में, लेकिन उन्हें फांसी नहीं दी जानी चाहिए.
निर्भया के दोषी मुकेश, अक्षय, पवन गुप्ता और विनय लंबे समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. चारों मौत की सजा के खिलाफ नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं.
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