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निर्भया बलात्कार कांड में दोषी करार दिए लोगों में से एक विनय शर्मा की ओर से राष्ट्रपति को भेजी याचिका में कहा गया है कि उसकी दया याचिका तुरंत हटा दी जाए. उसने कहा है केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राष्ट्रपति को भेजी उसकी दया याचिका के लिए न तो उसकी मंजूरी ली गई थी और न ही उसने उस पर साइन किया है.
विनय शर्मा ने अपनी ताजा याचिका में कहा है कि जो दया याचिका गृहमंत्रालय ने राष्ट्रपति को भेजी है उसमें न तो उसके हस्ताक्षर हैं और न ही उसने इसे मंजूरी दी है, लिहाजा राष्ट्रपति उसे वापस कर दें. दरअसल , निर्भया गैंग रेप केस में फांसी की सजा पाए दोषी विनय शर्मा की दया याचिका की फाइल को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी है. गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है.
इससे पहले दिल्ली सरकार ने विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश उपराज्यपाल अनिल बैजल से की थी. उपराज्यपाल ने भी विनय की दया याचिका को खारिज कर दी थी. इसके बाद इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा गया था. अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को फैसला लेना है कि विनय की दया याचिका मंजूर की जाए या नहीं.
दिल्ली सरकार ने दया याचिका खारिज करने की सिफारिश करते हुए कहा था कि जघन्य अपराधी को बख्शा नहीं जा सकता. दोषी को सजा देने से समाज में एक संदेश जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की वारदात भविष्य में न हो. मामले में तिहाड़ के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा था कि निर्भया मामले के एक दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका दी है. तिहाड़ ने इसे दिल्ली सरकार को भेजा है, दिल्ली सरकार ने इसे उपराज्यपाल को भेज दिया और फिर ये गृह मंत्रालय से होता हुआ राष्ट्रपति तक पहुंचा है
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