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दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि निर्भया मामले में चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने चारों दोषियों को सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है. हाई कोर्ट का यह फैसला केंद्र की याचिका खारिज करते हुए आया है.
हाई कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां ने कहा, ''मैं दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं. उसने सभी चारों दोषियों को सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है. इसके बाद दोषियों को जल्दी से फांसी होनी चाहिए.''
इसके बाद जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने 1 और 2 फरवरी को विशेष सुनवाई के बाद 2 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने 31 जनवरी को निर्भया मामले के चार दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. इन दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी. मगर दूसरी बार फांसी के वॉरंट की तामील टाल गई. पहली बार चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का वॉरंट जारी किया गया था. इस पर 17 जनवरी को स्थगन दिया गया था. उसी दिन फिर उन्हें एक फरवरी को फांसी देने के लिए दूसरा वारंट किया गया था, जिस पर रोक लगा दी गई.
16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) के साथ गैंगरेप और बर्बरता की गई थी. सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
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