advertisement
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 11 फरवरी तक टल गई है. बता दें कि इस मामले में चारों दोषियों की फांसी की सजा पर रोक के खिलाफ केंद्र की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद केंद्र ने शीर्ष अदालत में अपील की.
दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 फरवरी को कहा था कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी न कि अलग-अलग. साथ ही कोर्ट ने दोषियों को बाकी बचे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए एक हफ्ते की समयसीमा दी. उसने कहा कि अगर दोषी अब से सात दिन के भीतर किसी तरह की याचिका दायर नहीं करते हैं तो संबंधित संस्थान/प्राधिकरण बिना किसी विलंब के कानून के मुताबिक मामले से निपट सकते हैं.
बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने 31 जनवरी को निर्भया मामले के चार दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. इन दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी. मगर दूसरी बार फांसी के वॉरंट की तामील टाल गई. पहली बार चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का वॉरंट जारी किया गया था. इस पर 17 जनवरी को स्थगन दिया गया था. उसी दिन फिर उन्हें एक फरवरी को फांसी देने के लिए दूसरा वारंट किया गया था, जिस पर रोक लगा दी गई.
16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) के साथ गैंगरेप और बर्बरता की गई थी. सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
ये भी पढ़ें: ‘निर्भया’ के ये 4 दोषी: कौन हैं, क्या करते थे?
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)