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निर्भया गैंगरेप के दोषियों को अगले कुछ ही घंटों बाद फांसी हो सकती है. चारों दोषियों की डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी है. दोषियों के वकील एपी सिंह की लाख कोशिशों के बाद भी अब वो फांसी के काफी करीब हैं. सभी विकल्फ खत्म हो चुके हैं, ऐसे में अब वकील एपी सिंह ने कहा है कि चाहे दोषियों को इंडो-पाक बॉर्डर पर भेज दें या फिर डोकलाम में, लेकिन उन्हें फांसी नहीं दी जानी चाहिए.
निर्भया का परिवार चारों दोषियों को फांसी पर लटकते देखने इंतजार पिछले कई सालों से कर रहा है. दोषी हर बार कानून पैंतरे का इस्तेमाल कर बचते आए हैं. इस बार भी दोषियों ने कई याचिकाएं दायर कीं, जिनमें कभी राष्ट्रपति की तरफ से खारिज हुई दया याचिका को चुनौती दी गई तो कभी खुद को नाबालिग बताया गया. लेकिन इस बार एक भी पैंतरा काम नहीं आया. इसके बाद चारों दोषियों की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट पर रोक लगाए जाने की मांग की गई. लेकिन कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया है. इस याचिका में दोषियों ने कुछ अन्य याचिकाओं के लंबित होने की बात कही थी.
चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पत्नी पुनीता ने कोर्ट में अर्जी देकर पति से तुरंत तलाक दिलाने की मांग की है, क्योंकि वह विधवा के तौर पर अपनी जिंदगी नहीं गुजार सकती. बिहार के औरंगाबाद में टंडवा थाना क्षेत्र के लहंगकरमा गांव की रहने वाले अक्षय की पत्नी पुनीता ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में तलाक की अर्जी दी है. इस अर्जी पर गुरुवार को ही सुनवाई होनी है.
अक्षय की पत्नी पुनीता ने अदालत में दाखिल अर्जी में लिखा है, "मेरे पति को सजा-ए-मौत दी जानी है. जबकि मेरे पति निर्दोष हैं. ऐसे में मैं अपनी जिंदगी एक दुष्कर्मी पति की विधवा बनकर नहीं गुजार सकती, लिहाजा मुझे कानूनी तौर पर पति की मौत से पहले ही तलाक दिलवाया जाए."
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