Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019निर्भया गैंगरेप: 22 जनवरी को नहीं होगी फांसी, समझिए पूरा मामला

निर्भया गैंगरेप: 22 जनवरी को नहीं होगी फांसी, समझिए पूरा मामला

निर्भया गैंगरेप-मर्डर के आरोपियों को 22 जनवरी को नहीं होगी फांसी

वकाशा सचदेव
भारत
Updated:
निर्भया गैंगरेप-मर्डर के आरोपियों को 22 जनवरी को नहीं होगी फांसी
i
निर्भया गैंगरेप-मर्डर के आरोपियों को 22 जनवरी को नहीं होगी फांसी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

निर्भया गैंगरप और मर्डर केस के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी की सजा नहीं होगी. चार दोषियों में से एक मुकेश ने दया याचिका दाखिल की है. दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही दोषियों को फांसी की सजा हो सकती है. क्या है ये पूरा मामला? क्या है क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका? दोषियों को फांसी में क्यों हो रही है देरी? सभी सवालों के जवाब जानिए.

क्यों 22 जनवरी को नहीं होगी फांसी?

कोर्ट ने 7 जनवरी को डेथ वॉरेंट जारी करते हुए कहा था कि चारों दोषियों को को 22 जनवरी को फांसी पर चढ़ाया जाए, लेकिन एक दोषी की दया याचिका के राष्ट्रपति के पास पेंडिंग होने के कारण 22 जनवरी को किसी भी दोषी को फांसी नहीं हो पाएगी.

देरी का कारण क्या?

सुप्रीम कोर्ट सभी दोषियों की रिव्यू पिटिशन खारिज कर चुका है, लेकिन इसके बाद भी दोषियों के पास दो ऑप्शन होता है- क्यूरेटिव पिटिशन और मर्सी पिटिशन (दया याचिका). विनय और मुकेश ने क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की थी, जो खारिज हो चुकी हैं. इसके बाद मुकेश ने दया याचिका दाखिल की है, जो अभी गृहमंत्रालय के पास है और इसके बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा. इसपर भी अभी फैसला नहीं आया है.

बता दें कि दो दोषियों के पास अभी भी क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने का ऑप्शन है. वहीं, इसके बाद दया याचिका का ऑप्शन बचता है. केवल एक दोषी ने ही दया याचिका दाखिल की है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

14 दिन का इंतजार क्यों?

सुप्रीम कोर्ट के 2013 में शत्रुघन चौहान केस में आए एक जजमेंट के मुताबिक, जब तक दया याचिका के खारिज हुए 14 दिन नहीं हुए हैं, तब तक दोषी को फांसी नहीं हो सकती. निर्भया के गुनहगारों की फांसी में भी इसी कारण देरी हो रही है. मुकेश सिंह की दया याचिका को अगर राष्ट्रपति खारिज कर देते हैं, तो भी सभी दोषियों को फांसी नहीं हो पाएगी, क्योंकि अभी भी तीन दोषियों के पास दया याचिका का ऑप्शन होगा.

दिल्ली जेल प्रशासन का नियम

दिल्ली जेल प्रशासन के नियम के मुताबिक, अगर चार में से एक दोषी की पूरी प्रक्रिया खत्म हो गई है और तीन की नहीं हुई है, तो भी चारों में से किसी को फांसी नहीं हो सकती. इसके लिए चारों की याचिका को खारिज होना पड़ेगा.

अब क्या होगा?

सभी दोषियों की (अगर सभी दाखिल करते हैं तो) दया याचिका को रिजेक्ट होना पड़ेगा. इसमें दो महीने तक का समय भी लग सकता है. आखिरी दया याचिका के खारिज होने के 14 दिन बाद ही फांसी होगी.

पटियाला कोर्ट ने कहा कि इसमें वो दखलअंदाजी नहीं कर सकती क्योंकि डेथ वॉरेंट पहले ही जारी किया जा चुका है.

जेल प्रशासन अब दिल्ली सरकार को बताएगा कि दया याचिका दाखिल की गई है और उनसे फांसी की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए पूछेगा. जब तक दिल्ली सरकार उनको जवाब नहीं देगी, तब तक दोषियों को फांसी नहीं हो सकती.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 16 Jan 2020,07:23 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT