Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019GST की नई दरों पर वित्त मंत्री ने 14 Tweet कर दी सफाई,कहा- राज्य कमा रहे थे पैसा

GST की नई दरों पर वित्त मंत्री ने 14 Tweet कर दी सफाई,कहा- राज्य कमा रहे थे पैसा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, GST की नई दरों को लेकर कई तरह की गलतफहमियां हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p> GST की नई दरों पर वित्त मंत्री ने 14 Tweet कर दी सफाई,कहा- राज्य कमा रहे थे पैसा</p></div>
i

GST की नई दरों पर वित्त मंत्री ने 14 Tweet कर दी सफाई,कहा- राज्य कमा रहे थे पैसा

(फाइल फोटोः PTI)

advertisement

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 19 जुलाई को लागू कि गई जीएसटी की नई दरों को लेकर एक के बाद एक 14 ट्वीट किये. दरअसल आटा, दाल-चावल समेत अन्य खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के बाद से विपक्ष सरकार की जमकर आलोचना कर रहा है. जिसके बाद वित्तमंत्री ने ट्वीट करते हुए जीएसटी सूची से बाहर रखी गई वस्तुओं की सूची जारी की है. उन्होंने साफ किया है कि किन चीजों पर जीएसटी लगेगा और किन वस्तुओं पर नहीं. उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा कि नई दरों के बारे में कई गलतफहमियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है.

वित्तमंत्री ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, क्या यह पहली बार है जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया जा रहा है? नहीं, राज्य जीएसटी पूर्व व्यवस्था में खाद्यान्न से राजस्व जुटा रहे थे. अकेले पंजाब ने खरीद कर के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की. यूपी ने 700 करोड़ रुपये बटोरे.

तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, इसे ध्यान में रखते हुए, जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल और आटे पर 5% की जीएसटी दर लागू की गई थी. बाद में इसे केवल उन्हीं वस्तुओं पर कर लगाने के लिए संशोधित किया गया था जो पंजीकृत ब्रांड या ब्रांड के तहत बेची गई थीं, जिस पर आपूर्तिकर्ता द्वारा लागू करने योग्य अधिकार नहीं छोड़ा गया था.

अपने चौथे ट्वीट में उन्होंने बताया, हालांकि, जल्द ही इस प्रावधान का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग प्रतिष्ठित निर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा देखा गया और धीरे-धीरे इन वस्तुओं से जीएसटी राजस्व में काफी गिरावट आई.

पांचवे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि इसका उन आपूर्तिकर्ताओं और उद्योग संघों द्वारा विरोध किया गया जो ब्रांडेड सामानों पर कर का भुगतान कर रहे थे. उन्होंने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर समान रूप से जीएसटी लगाने के लिए सरकार को पत्र लिखा. कर में इस बड़े पैमाने पर चोरी को राज्यों द्वारा भी देखा गया था.

निर्मला सीतारमण ने आगे बताया कि फिटमेंट कमेटी ने भी कई बैठकों में इस मुद्दे की जांच की थी और दुरुपयोग को रोकने और तौर-तरीकों को बदलने के लिए अपनी सिफारिशें की थीं. जिसमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात के अधिकारी शामिल थे.

उन्होंने अगले ट्टीट में बताया कि इसी संदर्भ में जीएसटी परिषद ने अपनी 47वीं बैठक में यह निर्णय लिया. 18 जुलाई, 2022 से इन वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के केवल तौर-तरीकों में बदलाव किया गया था, जिसमें 2-3 वस्तुओं को छोड़कर जीएसटी के कवरेज में कोई बदलाव नहीं किया गया था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, चावल, आटा, सूजी, बेसन, दही और लस्सी जैसी चीजें खुली बेची जाएंगी तो इन पर जीएसटी नहीं लगेगा. वहीं, जीएसटी काउंसिल भी ये बात पहले कह चुका है कि अगर इन वस्तुओं को पैक्ड करके बेचा जाएगा तो इनपर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगी और अगर इन्हें खुला बेचा जाएगा को जीएसटी नहीं लगेगी.

अपने अगले ट्वीट में निर्मला सीतारमण लिखती हैं कि इन परिवर्तनों की सिफारिश करने वाले पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, गोवा, बिहार के मंत्री शामिल रहे हैं और इस समूह का नेतृत्व कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने किया है.

अपने आखिरी ट्वीट में निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह जरूरी फैसला था. अधिकारियों, मंत्रियों के समूह सहित विभिन्न स्तरों पर इस पर विचार किया गया था और अंत में जीएसटी काउंसिल द्वारा सभी सदस्यों की पूर्ण सहमति के साथ लागू किया गया.

संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का हंगामा

मानसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष ने महंगाई, जीएसटी दरों में बढ़ोतरी और अग्निपथ योजना समेत कई मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथ लिया. विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी. हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

अखिलेश-जंयत ने घेरा

जीएसटी में इस बढ़ोतरी पर सपा प्रमुख ने ट्वीट कर लिखा, "आज से आटा, दही, पनीर से लेकर ब्लेड, शार्पनर, एलईडी, इलाज, सफर सब पर GST की जो मार आम जनता पर पड़ी है, उससे दुखी होकर जीएसटी का एक नया भाव-अर्थ सामने आया है… ‘गयी सारी तनख्वाह’"

वहीं रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्वीट कर लिखा, "आज से दही, लस्सी, छांछ, पनीर, गुड़, खांडसारी, चावल, गेहूं और आटा महंगा होगा क्योंकि केंद्र सरकार आपसे जीएसटी वसूलना चाहती है. सबका साथ, अपनों का विकास, अंधविश्वास

बता दें कि शनिवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में इन प्रोडक्टों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था. जिसके बाद से ही विपक्ष लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT