UPA सरकार की देन है एनपीए: निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि UPA सरकार के दौरान फोन पर लोन देने के लिये कह दिया जाता था जिसके कारण आज NPA की यह स्थिति बनी है.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने
i
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने
(फाइल फोटोः PTI)

advertisement

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये कई कदम उठाये हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपायम शामिल हैं. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "प्याज के भंडारण से कुछ ढांचागत मुद्दे जुड़े हैं और सरकार इसका निपटारा करने के लिये कदम उठा रही है."

उन्होंने कहा कि खेती के रकबे में कमी आई है और उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन सरकार उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये कदम उठा रही है. सीतारमण ने कहा कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये मूल्य स्थिरता कोष का उपयोग किया जा रहा है. इस संबंध में 57 हजार मीट्रिक टन का बफर स्टाक बनाया गया है. इसके अलावा मिस्र और तुर्की से भी प्याज आयात किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान के अलवर जैसे क्षेत्रों से दूसरे प्रदेशों में प्याज की खेप भेजी जा रही है.

आईडीबीआई के री-कैपिटलाइजेशन को लेकर विपक्षी सदस्यों के सवाल पर सीतारमण ने कहा कि 2008 से 2014 तक कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौरान फोन पर लोन देने के लिये कह दिया जाता था जिसके कारण आज एनपीए की यह स्थिति बनी है.

उन्होंने कहा कि इसी से आईडीबीआई में मुश्किल में फंसे कर्ज का आंकड़ा काफी बढ़ गया. वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार आने के बाद 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा की गई और तब एनपीए का पता चला. उन्होंने कहा कि ये कर्ज आपके (कांग्रेस) समय के हैं और ये बाद में एनपीए बन गये.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मनरेगा में बढ़ा आवंटन

सीतारमण ने कहा कि आईडीबीआई में सरकार और एलआईसी 42781 करोड़ रूपये डालेंगे. उन्होंने मुद्रा लोन का जिक्र करते हुए कहा कि इस मद में कुल कर्ज का केवल 2.52 प्रतिशत एनपीए है.

वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा में पिछले वर्षो में धन का आवंटन काफी बढ़ा है, इसे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये लीकेज प्रूफ बनाया गया है. अब बिना बिचौलियों के हस्तक्षेप के श्रमिकों को उनके खाते में पैसा मिलता है. इस वर्ष 6.2 करोड़ लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार मिला है.

उन्होंने कहा कि विभिन्न मदों में डीबीटी के माध्यम से पिछले पांच वर्षो में 1.41 लाख करोड़ रूपये बचाये गए हैं. उन्होंने कहा कि राजस्व प्राप्ति और खर्च में वृद्धि दर्ज की गई है.

मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वर्ष 2019-20 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के तहत 21,246.16 करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय की मंजूरी दे दी जिसमें 8,820 करोड़ रूपये नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख से संबंधित हैं.

वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने अनुदान की अनुपूरक मांगों और संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से स्वीकृति प्रदान की. सदन ने साथ ही तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय के कटौती प्रस्तावों को खारिज कर दिया.

(इनपुट-भाषा)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT