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नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को बजट पेश किया. बजट पेश करते हुए सीतारमण ने किसान और खेती पर कहा कि हमारी सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है.
अपने बजट भाषण में गांव और किसानों का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “किसानों की आमदनी बढ़ी है और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर हम कायम हैं. MSP बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है. सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है.”
जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि सरकार की किसानों की आय दोगुना करने की ओर काम कर रही है. तब विपक्षी पार्टियों की तरफ से मौजूद सांसदों ने हंगामा शुरू किया.
वित्त मंत्री ने कहा,
वित्त मंत्री ने कहा, “2013-14 में गेहूं पर सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपए खर्च किए. 2019 में हमने 63 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी की जो बढ़ कर लगभग 75 हजार करोड़ रुपए हो गई है. 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका फायदा मिला.”
धान खरीदारी का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए. इस बार यह बढ़कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है. इस साल ये आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है. 1.2 करोड़ किसानों को पिछले साल फायदा हुआ. इस बार 1.5 करोड़ किसानों को फायदा हुआ.”
वित्त मंत्री ने MSP कैसे बढ़ रहा है इसका हिसाब किताब भी दिया. उन्होंने बताया,
वित्त मंत्री ने कहा, “इसी साल स्वामित्व स्कीम शुरु किया गया. अब तक 1.8 लाख लोगों को कार्ड मिला है. 2021 में सभी राज्यों को इसके दायरे में लाया जाएगा. एग्रीकल्चर के क्रेडिट टारगेट को 16 लाख करोड़ तक किया जा रहा है. ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का ऐलान किया गया है, जिसमें कई फसलों को शामिल किया जाएगा और किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा.”
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