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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संसद में शुक्रवार को आधी रात में आयोजित होने वाले जीएसटी के जश्न में शामिल नहीं होंगे. हालांकि, जनता दल (युनाइटेड) के सांसद इस जश्न में मौजूद रहने के बारे में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं.
जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, "नीतीश कुमार जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के शुभारंभ पर होने वाले मध्यरात्रि के संसद सत्र में भाग नहीं लेंगे." उन्होंने कहा कि जेडीयू ने अपने सांसदों को मध्यरात्रि सत्र के लिए कोई व्हिप नहीं जारी किया है. यह उनकी पसंद पर निर्भर है. अगर वे इसमें शामिल होना चाहते हैं, तो शामिल हो सकते हैं.
GST लागू किए जाने के जश्न से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि GST में बहुत संभावनाएं हैं लेकिन अपना प्रचार करने के लिए इसे आधे अधूरे स्वरूप में जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है. नोटबंदी की तरह ही GST को एक अक्षम और असंवेदनशील सरकार द्वारा संस्थागत तैयारी के बगैर लागू किया जा रहा है. भारत में ऐसे GST को लाए जाने की जरूरत है, जो करोड़ों नागरिकों, छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों की चिंता न बढ़ाये.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीएसटी को ''जल्दबाजी'' में लागू किये जाने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा है, ''हम इसका समर्थन नहीं करते."
ममता ने कहा, ''हम जीएसटी के समर्थन में थे. लेकिन उन्होंने कई चीजें बदल दीं. दवा आदि पर उन्होंने टैक्स लगा दिया. हमने उनसे इसे जल्दबाजी में लागू नहीं करने को कहा. लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया.''
ममता ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस 30 जून की मध्यरात्रि को जीएसटी लागू करने के जश्न में शामिल नहीं होगी.
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि जीएसटी का जश्न सिर्फ सरकार मना रही है. लेकिन जनता इससे दुखी है. सिसोदिया ने कहा कि GST से सरकारों को फायदा होगा, लेकिन सिर्फ सरकार के दृष्टिकोण से देखेंगे तो ठीक नहीं होगा, लोगों के दृष्टिकोण से भी टैक्स को देखना होगा.
उन्होंने कहा कि जनता के लिए GST से कुछ भी सस्ता नहीं हो रहा है, हर चीज कहीं न कहीं महंगी हो रही है. सिसोदिया ने यह भी कहा कि GST को बिना तैयारियों के जल्दबाजी में लॉन्च किया जा रहा है, जिसका कारोबारियों को और लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब जीएसटी को लेकर भी विपक्ष में फूट पड़ गई है. कांग्रेस, लेफ्ट, आरजेडी, डीएमके, बीएसपी, एनसी और टीएमसी ने आज शुक्रवार की आधी रात संसद के सेंट्रल हॉल में होने वाले जीएसटी लॉन्च के जश्न का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.
वहीं समाजवादी पार्टी के साथ एनडीए में शामिल तमाम पार्टियों के आलावा एआईडीएमके, बीजेडी, जेडीयू, एनसीपी केंद्र सरकार के इस कार्यक्रम में शामिल होने जा रही है. विशेष बात ये है कि समाजवादी पार्टी ने जीएसटी को काला कानून कहा है लेकिन फिर भी वो जीएसटी के जश्न का हिस्सा बनने को तैयार है.
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