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बिहार (Bihar) में बीजेपी (BJP) से गठबंधन तोड़ने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीजेपी पर हमलावर हैं. साथ ही वह लगातार 2024 के चुनावों के लिए विपक्ष को एकजुट करने की बात कर रहें हैं. 4 सितंबर को बिहार में जेडीयू (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, "हमारा उद्देश्य है सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करना है".
मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो केंद्र सरकार के खिलाफ हमें सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जाएंगे और विपक्षी दलों से बात करेंगे. कांग्रेस की दिल्ली में हुई रैली पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह अच्छी बात है कि महंगाई पर कांग्रेस की हल्ला बोल रैली हुई है.
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर कहा कि, "वह अपना कार्यक्रम खुद तय करेंगे." उन्होंने कहा कि, "2014 में जब पीएम मोदी की लहर थी उस समय भी बिहार में दाल नहीं गली. 42 आम सभा करने के बावजूद बिहार की जनता ने उन्हें रोका था."
नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के चेहरा होंगे.
नीतीश विपक्षी एकता के सबसे प्रबल नेता हैं.
नीतीश तीन दिनों के लिए दिल्ली जाएंगे और वहां कई पार्टियों के नेताओं से मिलेंगे.
आधा दर्जन पार्टियां है जिनके नेता से नीतीश कुमार को मिलना है.
बिना छुआ छुत के सभी नेताओं को एक मंच पर आने होगा.
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक साजिश के तहत जेडीयू को कमजोर करने के लिए चिराग मॉडल लाया गया. उन्होंने कहा, "रामेश्वर चौरसिया को जानते हैं आप? वह बीजेपी और संघ के सदस्य रहें हैं वह एलजेपी से चुनाव लड़े और चुनाव बाद वापस बीजेपी में चले गए. बीजेपी के लोग षड्यंत्र के तहत एलजेपी ज्वाइन कर के जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे."
बीजेपी पर आरोप लगाते हुए केसी त्यागी ने कहा कि, "आरसीपी सिंह को एकनाथ शिंदे बनाया गया. हर संभव प्रयास किया गया कि विधायकों को तोड़ा जाए, सांसदों को तोड़ा जाए. 5 विधायक पटना के लिए निकले थे, रास्ते में रिश्वत देकर तोड़ लिया गया. चुनाव के बाद नीतीश जी ने केंद्रीय नेतृत्व को बताया कि आप की सीट ज्यादा है सीएम आप का होगा."
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