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लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन राहुल गांधी ने अपनी बात रखी. अविश्वास प्रस्ताव पर पहले दिन की चर्चा की शुरुआत कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की थी. राहुल ने पहले दिन भाषण नहीं दिया था, लेकिन दूसरे दिन मंगलवार, 8 अगस्त को उन्होंने कई मुद्दों पर बात रखी.
मणिपुर पर अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, कुछ ही दिन पहले मैं मणिपुर गया, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री अभी तक वहां नहीं गए, क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है. उन्होंने पीएम मोदी पर मणिपुर के साथ उपेक्षित बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए कहा,
"एक महिला से हमने पूछा कि बहन क्या हुआ आपके साथ? तो वह कहती हैं मेरा छोटा से बेटा, एक ही बच्चा था मेरा, उसे मेरी आंखों के सामने गोली मारी दी. मैं पूरी रात उसकी लाश के साथ लेटी रही और फिर मैंने अपना घर और सारा सामान वहीं छोड़ दिया. मैंने पूछा कि कुछ तो आप अपने साथ लाई होंगी, तो जवाब दिया कि नहीं, जो तन पर कपड़े हैं, वही लाई हूं और एक फोटो दिखाती है और बोलती है कि यही मेरे पास बचा है."
राहुल ने आगे कहा,
राहुल ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "भारत एक आवाज है, उस आवाज की हत्या आपने मणिपुर में की. इसका मतलब आपने भारत माता की हत्या की... आप देशभक्त नहीं हैं. आप भारत प्रेमी नहीं हैं."
राहुल गांधी ने मणिपुर पर अपना भाषण जारी रखते हुए कहा, "जब तक हिंसा बंद नहीं होगी तब तक हर रोज मेरी मां की हत्या कर रहे हो. एक मेरी मां इस सदन में मेरे साथ बैठी है और दूसरी मां (भारत माता) की हत्या मणिपुर में आप कर रहे हो. हिंदुस्तान की सेना मणिपुर में एक दिन में शांति ला सकती है, लेकिन, आप सेना का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. क्योंकि, आप मणिपुर में हिंदुस्तान को मारना चाहते हो."
पीएम मोदी पर साधा निशाना
बीजेपी की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन राहुल गांधी ने कहा कि अभी भारत जोड़ो यात्रा खत्म नहीं हुई है. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में ही भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा,
राहुल ने कहा, "जब वे पूछते थे, तो शुरुआत में मेरे मूंह के कोई जवाब नहीं निकलता था, क्योंकि मुझे ही मालूम नहीं था कि मैंने ये यात्रा क्यों शुरू की है. जब मैं कन्याकुमारी से शुरू हुआ तो सोच रहा था कि मैं हिंदुस्तान को देखना चाहता हूं, समझना चाहता हूं, लोगों को सूनना चाहता हूं, लेकिन गहराई से मुझे मालूम नहीं था."
उन्होंने आगे कहा, "थोड़ी ही देर में मुझे बात समझ आने लगी. जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी की जेलों में जाने के लिए तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैंने 10 साल हर रोज गाली खाई, उसे चीज को मैं समझना चाहता हूं, कि आखिर वह चीज क्या है?"
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा पर आगे बोलते हुए कहा कि, "जिस चीज ने मेरे दिल की इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसको मैं समझना चाहता था. शुरुआत में जैसे मैंने शुरू किया. सालों से मैं हर रोज 8-10 किमीं दौड़ता हूं, तो मेरे दिमाग में था कि अगर मैं 10 किमी दौड़ सकता हूं, तो 25 किमी चलने में क्या है, ये कोई बड़ी बात नहीं है. ये मैंने सोचा था. आज मैं उस भावना को देखूं तो वह अहंकार था कि मैं ये कर सकता हूं, लेकिन भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है"
उन्होंने कहा, "दो-तीन दिन में मेरे घुटने में दर्द शुरू हो गया क्योंकि मेरी इंजरी थी. हर कदम पर दर्द शुरू हो गया. तो पहले दो तीन दिनों में जो अहंकार था, यानी जो अहंकार से भारत को देखने निकला था, वह पूरा का पूरा अहंकार गायब हो गया और रोज मैं डर-डर के चलूं कि क्या मैं कल चल पाऊंगा. ये मेरे दिल में डर था और जब भी डर बढ़ता था, कहीं न कहीं से कोई न कोई शक्ति मेरी मदद करती थी."
उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दिन एक बच्ची से मिलने वाली चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा, "एक दिन मैं दर्द सह नहीं पाया पा रहा था. एक छोटी सी 8 साल की लड़की आती है और मुझे एक चिट्ठी दे देती है. मैंने चिट्ठी खोली और उसमें लिखा था कि राहुल मैं आपके साथ काम करना चाहती हूं. आप चिंता मत करो. उसने मेरे पैर में चोट देखी और उसने अपनी शक्ति मुझे दे दी. सिर्फ उसने नहीं. ऐसे लाखों लोग थे."
उन्होंने आगे कहा, "एक दिन मेरे पास एक किसान आया और किसान ने हाथ में रूई पकड़ी हुई थी, और उसने मुझे कहा मेरे आंख में देखकर उसने मुझे अपना वह रूई का बंडल दिया और उसने कहा कि राहुल जी यही बचा है मेरे खेत का और कुछ बचा नहीं है. मैंने उससे जो नॉर्मली सवाल जो पूछा कि क्या आपको बीमा का पैसा मिला तो उसने जवाब दिया कि नहीं राहुल जी मुझे नहीं मिला. हिंदुस्तान के बड़े उद्योगपतियों ने मुझसे छिन लिया. लेकिन, इस बार एक बड़ी अजीब सी चीज हुई. जब मैंने किसान को देखा, जब वह बोल रहा था तो तब उसके दिल में जो दर्द था, वो मेर दिल में आया. जो उसके आंखों में शर्म थी, वो शर्म मेरी आंखों में आई, उसकी भूख समझ में आई. उसके बाद यात्रा बिल्कुल बदल गई. उसके बाद मुझे भीड़ की आवाज नहीं सुनाई देती थी. बस उसी व्यक्ति की आवाज सुनाई देती थी, जो मुझसे बात करता था. उसके दर्द, उसका दुख, उसकी पीड़ा मेरा दर्द बन गया."
लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा बुधवार भी जारी रहेगी. कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार के खिलाफ सदन में बोलते नजर आएंगे, वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे.
बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं. कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है.
खबर है कि अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा.
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को खत लिखा है. इस खत में केजरीवाल ने कांग्रेस नेताओं का धन्यवाद कहा है. संसद में दिल्ली सर्विस बिल पेश किए जाने के दौरान कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का साथ दिया था और इस बिल का विरोध किया था.
हालांकि इस विरोध के बावजूद पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में ये बिल पास हो गया. केजरीवाल ने अपने ख़त में लिखा- ''दिल्ली सर्विस बिल पेश किए जाने के दौरान आपकी पार्टी ने जो हमारा साथ दिया है, दिल्ली के दो करोड़ लोगों की तरफ से मैं आपका धन्यवाद करता हूं.मुझे यकीन है कि संविधान के प्रति आपकी इस वफादारी को दशकों तक याद रखा जाएगा.'' केजरीवाल ने कहा कि संसद के अंदर और बाहर आपने दिल्लीवालों के हक के लिए जो लड़ाई लड़ी, उसके लिए हम आपके आभारी हैं.
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