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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि दुनिया में कोई भी लक्षद्वीप या यहां तक कि द्वीप के अन्य निवासियों की मुस्लिम आबादी की देशभक्ति पर सवाल उठाने या शक करने की हिम्मत नहीं कर सकता क्योंकि उन्होंने भारत विरोधी ताकतों के भड़काने के प्रयासों को विफल कर दिया है.
राजनाथ सिंह ने महात्मा गांधी की 152वीं जयंती के अवसर पर अपने भाषण के दौरान कहा
वह महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम के दौरान सिंह ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी बात की और कहा कि ग्लोबल वार्मिंग समुद्र के स्तर में बढ़ोत्तरी करके लक्षद्वीप के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रही है.
उन्होंने कहा कि कार्बन के इस्तेमाल में कमी के प्रति सरकार के "पॉजिटिव नजरिये " के तहत, प्रधानमंत्री ने अगले साल एक जुलाई से सिंगल यूज़ प्लास्टिक और संबंधित उत्पादों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है.
उन्होंने यह भी कहा कि जमीन की स्वच्छता में समुद्रों की सफाई भी शामिल होनी चाहिए और इस पर प्रधानमंत्री ने जोर दिया है.
भारत विरोधी ताकतों द्वारा द्वीप में अशांति फैलाने के प्रयास के मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने कहा कि द्वीप समूह के महत्व के कारण, इस तरह के प्रयास अतीत में और अब भी किए गए हैं, लेकिन ऐसी संस्थाओं के प्रयास द्वीप वासियों के कारण असफल रहे.
उन्होंने आगे कहा कि लक्षद्वीप में उग्रवाद, कट्टरवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने के प्रयास हुए लेकिन ये सभी प्रयास विफल रहे और इसके लिए उन्होंने द्वीप केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को बधाई दी.
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, जो आतंकवादियों के खिलाफ उसकी "सीमा पार" कार्रवाई से नजर आता है
एनडीटीवी में छपी खबर क अनुसार रक्षा मंत्री ने कहा कि द्वीप के लोग महात्मा गांधी के सिद्धांतों के सच्चे अनुयायी थे क्योंकि उनके बीच जाति, पंथ या धर्म के आधार पर कोई नफरत नहीं थी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान भाजपा सरकार भी जाति, पंथ और धर्म के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव के खिलाफ है.
न्यूज इनपुट्स - एनडीटीवी
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