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‘मुझे गिरफ्तारी से जेल के बीच पीटते रहे’,नवदीप कौर ने सुनाई आपबीती

एक इंटरव्यू में नवदीप कौर ने हिरासत के दौरान पुलिस पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप

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भारत
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‘मुझे गिरफ्तारी से जेल के बीच पीटते रहे’,नवदीप कौर ने सुनाई आपबीती
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‘मुझे गिरफ्तारी से जेल के बीच पीटते रहे’,नवदीप कौर ने सुनाई आपबीती
(फोटो: द क्विंट)

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दलित श्रम अधिकार एक्टिविस्ट और मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य नवदीप कौर जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हो चुकी हैं. रिहाई के बाद एक इंटरव्यू में नवदीप कौर ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. नवदीप कौर का कहना है कि गिरफ्तारी से लेकर जेल तक उन्हें पुलिस ने बुरी तरह प्रताड़ित किया. आइये जानते हैं इस इंटरव्यू में नवदीप ने क्या कहा?

गलत तरीके से हुई गिरफ्तारी

नवदीप कौर ने कहा कि 12 जनवरी को वे मजदूरों के साथ उनके वेतन की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही थीं. लेकिन इस दौरान पुलिस की टीम ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं के साथ मारपीट की और हवाई फायरिंग की.

पुलिस ने मेरे साथ बुरी तरह मारपीट की और मुझे गिरफ्तार करके सोनीपत ले जाया गया. जहां मुझे मारा गया और फिर करनाल जेल पहुंचा दिया गया.

गिरफ्तारी के बाद पुलिसिया टॉर्चर

नवदीप कौर ने कहा कि 12 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से जेल तक पुलिस ने उन पर खूब अत्याचार किए.

“गिरफ्तारी के समय पुलिसकर्मियों ने बाल पकड़कर मुझे खींचा और मुझ से मारपीट की गई. मेरी गिरफ्तारी जेंट्स पुलिसकर्मियों ने की, उस वक्त कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी. गिरफ्तारी के बाद मुझे सूनसान इलाके में ले जाकर पीटा गया. मुझ पर दबाव डाला गया कि मैं सबके नाम लेकर सबको फंसा दूं.”
नवदीप कौर, दलित श्रम अधिकार एक्टिविस्ट

मेरे निजी अंगों को चोट पहुंचाई गई

नवदीप कौर ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें थाने ले जाया गया. जहां जेंट्स पुलिसकर्मियों ने उन्हें पीटा. इतना ही नहीं नवदीप का आरोप है कि मारपीट के समत उनके निजी अंगों को भी चोट पहुंचाई गई.

हिरासत में महिलाएं रेप की शिकार

नवदीप कौर ने कहा कि वे जेल में कई महिलाओं से मिलीं, जिन्होंने अपना दुख नवदीप के साथ साझा किया. नवदीप का कहना है कि इनमें से कई महिलाएं कस्टोडियल रेप की शिकार हुई हैं. पुलिस की पिटाई में कई महिलाओं के अंग तक टूट गए हैं.

कुंडली में ‘क्विक रिस्पांस टीम’ की गुंडागर्दी

नवदीप कौर का कहना है कि “कुंडली इंडस्ट्रियल एरिया में एक क्विक रिस्पांस टीम है जो मजदूरों संगठनों के खिलाफ काम करती है. ये लोग मजदूरों से मिलने नहीं देते हैं और उनकी मांगों का दबा दिया जाता है. QRT पेट्रोलिंग के नाम पर मजदूरों की सुरक्षा का दावा करती है.”

गरीबों की आवाज बनने की सजा, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा

नवदीप ने कहा है कि उन्हें मजदूरों और गरीबों की आवाज बनने की सजा मिली है, लेकिन फिर भी उनका संघर्ष जारी रहेगा और आगे भी वे मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए लड़ती रहेंगी. नवदीप का कहना है कि वे खुद एक मजदूर परिवार से हैं, जहां उन्होंने बचपन से संघर्ष देखा और अपने हक के लिए लड़ना सीखा है. मेरी मां भी महिलाओं के लिए अधिकारों के लिए लड़ी है और मां से ही मुझे प्रेरणा मिली है.

बता दें कि नवदीप कौर का यह इंटरव्यू स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया ने लिया है. इससे पहले मनदीप पुनिया को भी किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.

मेडिकल रिपोर्ट में हुई मारपीट की पुष्टि

बता दें कि नवदीप कौर के मेडिकल टेस्ट में उनके शरीर पर चोटों की पुष्टि हो चुकी है. इससे पहले नवदीप ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि पुलिस हिरासत में उनके साथ मारपीट की गई है.

कैसे हुई थी नवदीप कौर की गिरफ्तारी?

12 जनवरी को दलित श्रम अधिकार एक्टिविस्ट नवदीप कौर को मजूदरों के साथ इंडस्ट्रियल यूनिट का घेराव करने के दौरान गिरफ्तार कर दिया गया था. इस दौरान पुलिस हिरासत और जेल में रहने के 45 दिन बाद उन्हें 26 फरवरी को जमानत के बाद रिहाई मिली.

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