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'एक अधेड़ उम्र का एक व्यक्ति अपने गुप्तांग मुझे दिखाने लगा, उसने पेनिस को हिलाया और मेरी तरफ कामुक चेहरा बनाकर देखने लगा.' ये बयान है एक महिला पत्रकार का. 11 अगस्त को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दिल्ली हिंसा पर रिपोर्टिंग करते हुए एक महिला पत्रकार को भीड़ ने सताया और उन पर हमला किया.
मीडिया संस्थान द कारवां के तीन पत्रकार शाहिद तांत्रे, प्रभजित सिंह और इसके अलावा एक और पत्रकार जो अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहतीं, ये तीनों उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में दिल्ली हिंसा से जुड़ी न्यूज कवर कर रहे थे. तभी कथित रूप से इन तीनों को भीड़ ने अचानक घेर लिया और इनके साथ मारपीट की.
महिला पत्रकार ने ये भी बताया कि उनको जिन युवाओं ने घेरा हुआ था उन लोगों ने पत्रकार की बिना अनुमति के तस्वीरें खींची. इसके अलावा लोगों ने मौखिक रूप से महिला पत्रकार का उत्पीड़न किया.
शाहिद तांत्रे जो कि बतौर फोटो जर्निलिस्ट काम करते हैं उन्होंने द क्विंट को बताया कि-
शाहिद आगे बताते हैं कि- 'वो हमारे साथ जबरदस्ती करता रहा लेकिन जब हमने हमारे कैमरे देने से मना कर दिया, उसने कुछ कॉल किए और हमारे आसपास एक भीड़ आ गई और हमें छेड़ने लगी. भीड़ ने मुझे और मेरे सहयोगी पर शारिरिक रूप से हमला भी किया.'
शाहिद तांत्रे ने बताया कि जब उस व्यक्ति ने मेरे प्रेस कार्ड पर मेरा नाम देखा तो उसे 'शाहिद' पढ़कर लगा कि मैं मुसलमान हूं. इसके बाद उस व्यक्ति ने सांप्रदायिकत रूप से भद्दे शब्दों का इस्तेमाल किया. शाहिद बताते हैं कि उनको मारने तक की धमकी दी गई.
फरवरी में हुए दिल्ली हिंसा के दौरान कई पत्रकारों को सांप्रदायिक भीड़ ने अपना शिकार बनाया था. हिंसक भीड़ ने JK 24*7 के एक रिपोर्टर को उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर इलाके में मार दिया था. वहीं NDTV के भी कुछ पत्रकारों और कैमरामैन के साथ भी हिंसा हुई थी.
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