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इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने दो चार्जशीट दाखिल की हैं. ये दोनों चार्जशीट जाफराबाद और चांदबाग इलाके में हुई हिंसा से संबंधित हैं.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की तरफ से जारी हुए एक नोट के मुताबिक, "उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में दायर हुए महत्वपूर्ण मामलों की जांच के लिए क्राइम ब्रांच में तीन SIT बनी हैं. कुल 59 मामलों में हत्या और दंगों के दौरान घटी कई घटनाएं शामिल हैं. जांच के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा रही हैं."
ये जाफराबाद दंगे का मामला है, जो FIR नंबर 50 है. दूसरा मामला ताहिर हुसैन का है, जो FIR नंबर 101 है.
अभी तक दोनों चार्जशीट उन मामलों में हैं, जिनमें मुस्लिम या दूसरे एंटी-CAA प्रदर्शनकारी शामिल हैं. पिछले हफ्ते पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जांच 'एक ही तरफ केंद्रित' करने के लिए फटकार लगाई थी.
जाफराबाद केस की चार्जशीट में पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कालिता को आरोपी बनाया गया है. इन पर 'जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के करीब दंगा भड़काने की साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल रहने का आरोप लगा है.'
पुलिस ने अपने नोट में लिखा, "ये दोनों एक बड़ी साजिश का भी हिस्सा थीं और इनका संबंध 'इंडिया अगेंस्ट हेट' और उमर खालिद से पाया गया है."
सबूत के तौर पर पुलिस ने एक WhatsApp मैसेज का जिक्र किया है. पुलिस का दावा है कि ये मैसेज उन्हें दोनों में से एक आरोपी के फोन से मिला है. मैसेज में ऐसा बताया गया है कि हमले की सूरत में अपना बचाव कैसे करना है.
पुलिस ने जिस मैसेज का जिक्र किया, उसमें ये लिखा है:
“दंगे के हालात में घर की औरतें क्या करें :
पुलिस ने आरोप लगाया, "ये मैसेज दिल्ली में दंगे कराने की साजिश और तैयारी का पर्दाफाश करता है."
यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ने चार्जशीट को दिल्ली पुलिस की 'एक तरफा' जांच का हिस्सा बताया है.
यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की लीगल एडवाइजर तमन्ना पंकज ने क्विंट से कहा, "हमें पहले चार्जशीट पढ़नी होगी. लेकिन पूरी जांच शुरुआत से ही पक्षपातपूर्ण और एक तरफा है. ये एंटी-CAA एक्टिविस्ट और छात्रों को टारगेट कर रही है और उन लोगों के खिलाफ चुप है, जिन्होंने नफरत फैलाई, दंगे किए, जिनके भाषण ऑन रिकॉर्ड हैं."
पटियाला हाउस कोर्ट की फटकार के संबंध में पंकज ने कहा, "कोर्ट भी आसिफ इकबाल तनहा के केस में एक तरफा जांच की बात कह चुका है."=
नताशा नरवाल और देवांगना कालिता की वकील तुशरिका मट्टू ने चार्जशीट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा , "मामला कोर्ट में है, इसलिए हम कुछ नहीं कह सकते."
चार्जशीट में पुलिस ने आर्म्स एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के साथ ही IPC की धारा 149, 186, 353, 332, 333, 323, 283, 188, 427, 307, 302, 120b और 34 लगाई है.
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