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प्रधानमंत्री की 50 दिन वाली डेडलाइन खत्म हो चुकी है. लेकिन कई सवाल अब भी बने हुए है.
पीएम मोदी 31 दिसंबर की शाम को देश को संबोधित करेंगे. लेकिन इससे पहले जानिए बेहद जरूरी सवालों के जवाब.
जवाब - फिलहाल, एटीएम और बैंक से पैसा निकालने की लीमिट है. बैंक अधिकारियों के बयान से लगता है कि पाबंदी जल्दी खत्म नहीं होने वाली है. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख ने हमारे सहयोगी से कहा कि पाबंदी अगले कुछ हफ्तों तक तो रहने ही वाली है.
जवाब - सीधा जवाब यह है कि रिजर्व बैंक की चुनिंदा ब्रांचों में 31 मार्च तक पुराने नोट जमा कराए जा सकते हैं. लेकिन आपको देरी से जमा करने की वजहें बतानी होंगी.
जवाब -द क्विंट की गणना के हिसाब के कैश की तंगी कम से कम अगले 6 महीने तक रहेगी. सिस्टम से 15 लाख 44 हजार करोड़ रुपए बाहर निकाले गए. अब तक करीब 6 लाख करोड़ रुपये का कैश डाला गया है. मतलब 8-9 लाख करोड़ अब भी डाले जाने बाकी हैं. सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जितने 500 रुपए नोट की जरूरत है उतने छप नहीं रहे हैं. देश के 4 नोट छापने के प्रेस की क्षमता भी कम है.
जवाब - कुछ महीनों तक तो तंगी में ही काम चलाना पड़ेगा या फिर डिजिटल पेमेंट सिस्टम अपनाना होगा.
जवाब - बैंक के क्रेडिट ग्रोथ के आंकड़ों को देखकर तो यही लगता है कि पुराने नोट जमा करने और नए नोट बांटने के अलावा पिछले दिन में और काम नहीं हुआ है. ऐसा ही चलता रहा तो बैंको के लिए मुसीबत हो सकते हैं. बैंको की कमाई लोन बांटने से होती है जो फिलहाल बंद है.
जवाब - एक अखबार के मुताबिक सरकार की नजर में 4 लाख करोड़ रुपये ऐसे जमा हुए हैं जिसका हिसाब ठीक-ठाक नहीं दिख रहा है. सरकार को शक है कि यह काला धन हो सकता है. अब ऐसी रकम जमा करने वालों को नोटिस जाएंगे, जांच होगी. सरकार को कितनी आमदनी होगी पता नहीं. टैक्स की कितनी बढ़त होगी, फिलहाल इसका कोई अंदाजा नहीं. कई आंकड़े बताए जा सकते हैं. लेकिन फिलहाल सरकार के खाते में बहुत कुछ आने वाला नहीं है.
जवाब - आंकड़ों के मुताबिक, 4,200 करोड़ रुपये का काला धन पकड़ा गया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से 5000 से ज्यादा नोटिस भेजे जा चुके हैं. कुछ बैंकों की शाखाओं की भी जांच हो रही है.
यह स्कीम 17 दिसंबर से शुरू होकर 31 मार्च तक चलेगी. सरकार की तरफ से इस स्कीम का कोई अपडेट नहीं आया है.
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