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उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाके में सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थक और विरोधी गुटों के बीच झड़प के बाद तनाव पैदा हो गया है. इन इलाकों में हिंसा की खबर है. दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई है. हेड कांस्टेबल रतन लाल सहायक पुलिस आयुक्त के कार्यालय से जुड़े हुए थे.
इन इलाकों में भारी पथराव भी देखा जा रहा है, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए फ्लैग मार्च किया. साथ ही मौजपुर, करदमपुरी, चांदबाग और दयालपुर जैसे नॉर्थ ईस्ट इलाकों में धारा 144 लागू कर दिया गया है. इस बीच दिल्ली मेट्रो ने मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार को बंद करने का ऐलान किया है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के कई हिस्सों से परेशान करने वाली खबर आ रही है. उन्होंने गृहमंत्री और एलजी से शांति व्यवस्था बहाल कराने की अपील की है.
डिप्टी सीएम सिसोदिया ने ट्विटर पर लिखा है,
इस बीच मौजपुर और जाफराबाद इलाके में दो घर के फूंके जाने की भी खबर आ रही है. सीएए के समर्थक और विरोधी गुटों के बीच झड़प रविवार को भी पत्थरबाजी हुई थी. सीएए समर्थक समूहों ने मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन और मौजपुर चौक पर रैली की थी, जबकि सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कबीर नगर और जाफराबाद क्षेत्र में अपना विरोध जताया था.
पूर्वी रेंज के दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने मीडियाकर्मियों से कहा कि आसपास के क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और पुलिस स्थिति की निगरानी कर रही है. हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों पर पथराव के बाद पर्याप्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.
लोगों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. आरोप है कि जब झड़पें हुईं तो पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे और हिंसा को खत्म कराने के प्रयास नहीं किए गए. खबरों के मुताबिक, हालात बिगड़ते देख सीआरपीएफ की टीम को आसपास के इलाकों में तैनात किया गया है. शनिवार रात से ही दिल्ली के पूर्वी हिस्से में तनाव बना हुआ है, जिसके बाद जाफराबाद में एक सड़क की नाकेबंदी भी की गई है.
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