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प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने शुक्रवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) बनाए जाने के प्रोपोजल को सहमति दे दी है.
एनटीए देश में अलग-अलग बॉडीज द्वारा करवाए जाने वाले एंट्रेंस टेस्ट के लिए सिंगल बॉडी बनेगी. शुरूआत में इसके जिम्मे सीबीएसई की कुछ जिम्मेदारियां आएंगी.
एनटीए को शुरूआती फेज में सीबीएसई द्वारा करवाए जाने वाले कुछ परीक्षाओं का जिम्मा सौंपा जाएगा.
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को छोड़कर एनटीए, ज्वाइंट एनजीनियरिंग एंट्रेंस (JEE), NEET, यूजीसी के नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट जैसी परीक्षाएं करवाएगा.
शुरूआती चरण के बाद धीरे-धीरे एनटीए के जिम्मे भविष्य में दूसरी परीक्षाएं भी की जाएंगी.
एनटीए ऑनलाइन टेस्ट करवाएगा. इसके टेस्ट साल में दो बार होंगे. ग्रामीण इलाकों के छात्रों की सुविधा के लिए इसके सेंटर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी खोले जाएंगे.
यहां छात्रों को परीक्षा से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी. एनटीए से करीब 40 लाख छात्रों को परीक्षा संबंधी फायदा होगा.
एनटीए की अध्यक्षता कोई प्रतिष्ठित शिक्षाविद करेगा. इसकी नियुक्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा.
वहीं सरकार एक सीईओ की नियुक्ति करेगी, जो इसका डॉयरेक्टर जनरल होगा. इसके अलावा एक बोर्ड ऑफ गवर्नर भी होगा. डॉयरेक्टर जनरल की मदद के लिए 9 एक्सपर्ट का पैनल होगा.
वित्तमंत्री ने सभी एग्जाम को कराने के लिए एक अलग बॉडी बनाने की घोषणा 2017-18 की बजट स्पीच के दौरान की थी. उसी क्रम में अब एनटीए के गठन का फैसला लिया गया है.
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