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उत्तर प्रदेश के रायबरेली में ऊंचाहार नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) हादसे के पीछे के कारणों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है. कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि हादसे के कारणों की जांच के लिये कार्यकारी निदेशक एसके राय की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है. यह कमेटी एक महीने में अपनी जांच रिपोर्ट देगी.
मीडिया से बात करते हुए एनटीपीसी चेयरमैन ने कहा कि ऊंचाहार एनटीपीसी प्लांट में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या 32 हो गई है.
हादसे के बाद प्लांट की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों को एनटीपीसी ने खारिज किया है. एनटीपीसी के चेयरमैन गुरदीप सिंह ने शुक्रवार को कहा, ‘यह कहना गलत होगा कि प्लांट को जल्दबाजी में शुरू किया गया था. प्लांट को दिसंबर 2016 में कमिशन होना था लेकिन वह मार्च 2017 में शुरू हुआ. पूरी जांच के बाद ही प्लांट को शुरू किया गया था. प्लांट पर तैनात इंजीनियर काफी अनुभवी हैं. प्लांट को 3 इंजीनियर हेड कर रहे थे और उनके पास 25 से 30 साल का अनुभव है.’
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में स्थित 1550 मेगावाट क्षमता की फिरोज गांधी ऊंचाहार प्लांट में एक नवंबर को बायलर फटने की घटना में कई लोग हताहत हुए. सिंह ने कहा, ऊंचाहार बिजली संयंत्र में दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 32 पहुंच गयी है.
दुर्घटना के कारणों की जांच के लिये कार्यकारी निदेशक एस के राय की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है. समिति एक महीने में रिपोर्ट देगी. उन्होंने यह भी कहा कि एनटीपीसी प्लांट विस्फोट अपनी तरह की दुर्लभ घटना है, इकाई का प्रबंधन काफी अनुभवी लोगों के हाथों में था.
एनटपीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने कहा कि यूनिट को फिर से चालू करने में लगभग तीन से छह महीने का समय लगेगा. बता दें कि विस्फोट की घटना के बाद प्लांट की 500 मेगावाट क्षमता की छठी यूनिट बंद है. कुल 1550 मेगावाट क्षमता के इस प्लांट में 1,050 मेगावाट क्षमता की यूनिट ऑपरेट होती हैं. इस प्लांट से नौ राज्यों को बिजली की आपूर्ति की जाती है.
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ गुरुवार को ऊंचाहार पावर प्लांट का दौरा किया. उन्होंने घटना में मारे गये लोगों के परिवार को 20 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 10 लाख रुपये और अन्य जख्मी को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.
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