advertisement
भारत में शराब और ड्रग की लत एक गंभीर समस्या है. बड़ी संख्या में देश की युवा इसके शिकार होते हैं. इसके लिए भारत सरकार ने साल 2015 में नेशनल टॉल फ्री हेल्पलाइन शुरू की थी. शुरुआती साल में 48,061 कॉल आईं. इसके बाद 2016 में ये आंकड़ा आधे से भी कम 21,244 तक हो गया. जबकि साल 2017 में इस हेल्पलाइन पर 44,124 कॉल आईं यानी 107% की बढ़ोतरी हुई.
सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री थावर चंद गहलोत ने जब इसकी शुरुआत की तो केवल 4 फोन ही इस हेल्पलाइन के लिए थे. जबकि 2017 में 17 फोन इस हेल्पलाइन के लिए चालू हैं.
इस हेल्पलाइन को टेलीकम्युनिकेशन कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड (TCIL) की मदद से टेक्निकल सपोर्ट मिलता है. शुरुआत में इसकी सर्विस सोमवार से शनिवार तक सुबह 9.30 से शाम 6 बजे तक थी. लेकिन 1 मार्च, 2017 से इसे 24 घंटे सातों दिन के लिए ओपन कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 दिसंबर, 2014 को मन के बात में शराब और ड्रग्स की लत के पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने के बारे में बोला था. उन्होंने कहा था,
पीएम ने बताया कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने अपने ऑफिसरों की दर्द को देखा है, वो जब उनसे छुट्टी मांगते थे तब पूछा जाता कि किस कारण से छुट्टी लेना चाहते हैं? तब वो ऑफिसर आंखों में आंसू लिए बताया करते थे कि वो अपने बच्चों के साथ वक्त बिताना चाहते हैं क्योंकि वो शराब और ड्रग के आदी हो गए हैं. पीएम ने मन की बात में ये भी कहा कि वो पंजाब में कई माताओं से मिले जिनके अंदर अपने बच्चों को नशे की लत में पड़ता देख उनके अंदर गुस्सा भी था और दर्द भी.
यह भी पढ़ें: बच्चन साहब के गांव में न कुंडी बंद है, न दरवाजा!
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)