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केरल और तमिलनाडु में तबाही मचाने के बाद ओखी चक्रवात ने लक्षद्वीप को घेर लिया है. शनिवार को यहां चक्रवात में घिरे 200 मछुआरों को बचाया गया. हजारों लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है. मौसम विभाग के अनुमानों के मुताबिक ओखी उत्तर में मुंबई और गुजरात तक पहुंच सकता है. चक्रवात में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है.
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, कोस्ट गार्ड और नेवी के बचावकर्मियों ने 223 मछुआरों को बचाया है और हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है. शनिवार को भी उनका बचाव और राहत का उनका ऑपरेशन जारी रहा.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओखी से पैदा हालातों पर तमिलनाडु के चीफ मिनिस्टर से बात की है. उन्होंने राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्य में केंद्र की पूरी मदद का भरोसा दिया है. इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने चक्रवात से पैदा हुई स्थिति का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवार के लिए चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है. तमिलनाडु के मछली पालन मंत्री डी जयकुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की मदद से तेजी से राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं.
केरल में कुछ जगहों पर राहत कार्य पर असंतोष जताते हुए विरोध प्रदर्शन भी हुए.
ओखी' की वजह से 70-75 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, जिसके 100 किलोमीटर प्रति घंटा होने की भी आशंका जताई जा रही है. ओखी तूफान के चलते तमिलनाडु और केरल में कई सड़कें और पुल भी जलमग्न हो गए हैं. थमीरबारनी नदी पर स्थित कारुपंथुरई-मेलापालयम लिंक का एक ब्रिज भी पानी में समा गया.
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटे के दौरान चक्रवात के लक्षद्वीप द्वीपसमूह में पश्चिम- उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है और इसके बाद 48 घंटे के दौरान वह उत्तर पूर्व की ओर मुुड़ेगा. मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान मिनिकॉय द्वीप में 14 सेंटीमीटर तक बारिश हुई. लक्षद्वीप में अगले 24 घंटे में 120-130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्रचंड हवाएं चलने की आशंका है. इसके अलावा केरल तट पर ऊंची लहरें उठने का अनुमान है.
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