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ओडिशा: फिर इंसानियत हुई शर्मसार, कुछ क्यों नहीं करती सरकार?

परिवारवालों ने कहा- ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं थी और प्राइवेट गाड़ी वाले उनसे 12 हजार रुपयों की मांग कर रहे थे.

द क्विंट
भारत
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(फोटो: द क्विंट)
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ओडिशा में एक बार फिर गरीबी का दंश झेल रहे व्यक्ति को अस्पताल प्रशासन की असुविधाओं का शिकार होना पड़ा.

ओडिशा के जाजपुर जिले में एक आदिवासी महिला की मौत अस्पताल में हो गई. परिवहन सुविधाओं की कमी और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट के लिए पैसे की कमी के कारण मृत महिला के परिवार वालों को उसका शव मजबूरी में ट्रॉली -रिक्शा में ले जाना पड़ा.

ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं थी उपलब्ध

महिला के परिवार के एक सदस्य का कहना है कि ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं थी और प्राइवेट गाड़ी वाले उनसे 12 हजार रुपयों की मांग कर रहे थे. इतना पैसा देना उनके लिए नामुमकीन था जिस वजह से परिवारवाले ट्राली-रिक्शा में शव लादकर गांव के लिए चल निकले.

इस मामले पर सवाल पूछे जाने पर जाजपुर के एडीएमओ शिबासीष महाराणा का कहना है कि मृत महिला के साथ चार-पांच लोग मौजूद थे लेकिन किसी ने भी ट्रांसपोर्ट सुविधा की मांग नहीं की.

अभी हाल ही ओडिशा के ही कालाहांडी जिले के दाना मांझी को अपनी पत्नी का शव को कंधे पर रखकर 12 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. इस घटना ने मानवता और भारत में गरीबी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए थे.

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Published: 20 Sep 2016,10:05 AM IST

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