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क्या आप सोच सकते हैं कि कोई शख्स टॉयलेट में भी रहने को मजबूर हो सकता है? अगर नहीं सोच सकते हैं तो ये खबर आपके लिए है. ओडिशा के राउरकेला के छोटू राउतिया ऐसे ही शख्स हैं, जो अपना घर टूट जाने के बाद पिछले 3 महीने से टॉयलेट में गुजर बसर कर रहे हैं.
छोटू अपना दर्द जाहिर करते हुए कहते हैं,
120 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले देश में ऐसे करोड़ों लोग हैं जिनके पास अपना खुद का घर नहीं है. सड़क चलते, बाग-बगीचों में ऐसे कई लोग आपको भी मिलते होंगे. इस बीच हर सरकार में अपना घर देने के दावे भी किए जाते रहे हैं, लेकिन सच्चाई तब सामने आती है जब छोटू राउतिया जैसा कोई शख्स सामने आता है.
लाठीकाटा के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) का कहना है उन्होंने इस मामले की पूरी जांच नहीं कि है लेकिन छोटू से बात की है. वो टॉयलेट में तो नहीं, टॉयलेट के बाहर रह रहे थें.
BDO का कहना है कि वो छोटू को घर दिलाने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही तब तक के लिए वो कहां रहे इसकी व्यवस्था के बारे में भी सोच रहे हैं.
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