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ओम पुरी की आखिरी फिल्म खेला होबे रिलीज,नेता से खुंखार आतंकवादी..देखें-यादगार रोल

एक्टर ओम पुरी के निधन के 5 साल बाद उनकी आखिरी फिल्म khela hobe 24 फरवरी, 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक दी.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>डर्टी पॉलिटिक्स,&nbsp;खेला होबे,कुर्बान</p></div>
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डर्टी पॉलिटिक्स, खेला होबे,कुर्बान

(फोटोः अलटर्ड बाइ क्विंट)

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पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित दिवंगत एक्टर ओम पुरी (Om Puri) की आखिरी फिल्म 'खेला होबे' शुक्रवार, 24 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. इस फिल्म की कहानी राघवगढ़ नाम स्थान की राजनीति पर आधारित है, जहां सत्ता पर काबिज होने के लिए चुनावी उम्मीदवार हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं. इस फिल्म में ओम पुरी राजनेता के किरदार में नजर आए हैं. हालांकि ओमपुरी अपने करियर में अलग-अलग किरदारों को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने एक इमानदार इंस्पेक्टर से लेकर खूंखार आतंकवादी तक के रोल में नजर आ चुके हैं. एक नजर उनके किरदारों पर

खेला होबे (Khela Hobe): दिवंगत एक्टर ओम पुरी की आखिरी फिल्म खेला होबे आखिरकार 24 फरवरी, 2023 को रिलीज हो गई. ये फिल्म ओम पुरी के निधन के पांच साल के बाद रिलीज हुई है. फिल्म 'खेला होबे' चुनावी मुद्दों पर आधरित है. इस पिल्म में ओम पुरी, मुग्धा गोडसे, मनोज जोशी, रुशद राणा और रति अग्निहोत्री मुख्य किरदार में हैं. जबकि फिल्म का निर्देशन सुनील सी सिन्हा ने किया है और फिल्म की निर्माता कुमारी मंजू हैं.

(फोटोःयूट्यूब)

डर्टी पॉलिटिक्स (Dirty Politics): 2015 में रिलीज हुई फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स भंवरी देवी और राजनीतिज्ञ महिपाल मदेरणा के सेक्‍स टेप के विवाद पर आधारित है. इस फिल्म में ओम पुरी  राजनेता की भूमिका में नजर आएं थे. डर्टी पॉलिटिक्स को के.सी. बकोड़िया ने डायरेक्‍ट किया था. वहीं इस फिल्म में ओम पुरी के अलावा  एक्‍टर अनुपम खेर, राजपाल यादव आशुतोष राणा अहम भूमिका में थे. इस फिल्म में ओम पुरी का बेस्ट डायलॉग था-'एमएलए को मिनिस्टर बनना है, मिनिस्टर को चीफ मिनिस्टर बनना है और चीफ मिनिस्टर को प्राइम मिनिस्टर बनना है.'

(फोटोःयूट्यूब)

चाची 420 (Chachi 420): 1997 में रिलीज हुई फिल्म चाची 420 में ओम पुरी ने एक कॉमेडियन के रूप में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया था. फिल्म में वो बनवारी लाल पंडित बने थे.

(फोटोःयूट्यूब)

माचिस (Maachis): 1996 में रिलीज हुई गुलजार की इस फिल्म में तबू, ओम पुरी, जिमी शेरगिल और चंद्रचूड़ सिंह अहम रोल में थे. फिल्म की कहानी 1980 के दशक में पंजाब में हुई सिख विद्रोह के इर्द-गिर्द घुमती थी. इस फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे बदला लेने के लिए एक आम युवा खूंखार आतंकवादी बन जाता है. वहीं सिस्टम के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाते हुए एक्ट्रेस ओम पुरी ने फिल्म में जान डाल दी थी. इस फिल्म में ओम पुरी की यादगार डायलॉग थी- 'आधे को तो 1947 खा गई और आधे को 1984'

(फोटोःयूट्यूब)

कुर्बान (Kurbaan): साल 1991 में रिलीज हुई फिल्म 'कुर्बान' में ओम पुरी का किरदार काफी डरावना था. आतंकवाद पर आधारित इस फिल्म में ओम पुरी आतंकवाद के मास्टरमाइंड बने थे.

(फोटोःयूट्यूब)

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नरसिम्हा (Narsimha) 1991 में रिलीज हुई फिल्म नरसिम्हा में ओम पुरी बापजी का किरदार निभाया था, जो बॉलीवुड के सबसे खूंखार खलनायक में से एक थे. वहीं एन चंद्रा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में सनी देओल अहम किरदार में नजर आए थे. इस फिल्म में ओम पुरी का बेस्ट डायलॉग था- 'यहां की सरकार भी हम हैं और कानून भी हम..'

(फोटोःयूट्यूब)

मिर्च मसाला (Mirch Masala): साल 1987 में आई फिल्म मिर्च मसाला को  केतन मेहता ने निर्देशित किया था. इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी और स्मिता पाटिल जैसे दिग्गज कलाकार थे. इस फिल्म में भी ओम पुरी के काम की काफी सराहना हुई थी. इसमें ओम पुरी ने एक बूढ़े गार्ड की भूमिका में नजर आए थे जो एक कारखाने में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देता है.

(फोटोःयूट्यूब)

अर्ध सत्य (Ardh Satya) : 80 के दशक में एक्टर ओम पुरी काफी पॉपुलर हो गए थे. वहीं 1983 में फिल्म अर्ध सत्य के जरिए गोविंद निहलानी और ओम पुरी ने बड़े पर्दे पर अपना जादू बिखेरा था. गोविंद निहलानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में ओम पुरी एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर के किरदार में नजर आए थे, जो अपने आस-पास फैली बुराईयों से लड़ते दिखे थे. ओम पुरी को इस फिल्म में शानदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर के नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था. दिवंगत एक्टर ओम पुरी के अलावा, फिल्म में अमरीश पुरी, नसीरुद्दीन शाह और स्मिता पाटिल मुख्य भूमिका में थे.

(फोटोःयूट्यूब)

जाने भी दो यारों (Jaane Bhi Do Yaaro): साल 1983 में आई कुंदन शाह की फिल्म 'जाने भी दो यारों' हिंदी सिनेमा की कल्ट क्लासिक फिल्मों में शुमार है. इस फिल्म के सारे किरदार यादगार रहे. फिर चाहे ओम पुरी का छोटा सा ही किरदार क्यों ना हो. आज भी दर्शक दिवंगत एक्टर ओम पुरी के उस किरदार को नहीं भूले हैं. इस फिल्म में ओम पुरी आहूजा का किरदार निभाए थे.

(फोटोःयूट्यूब)

आक्रोश (Aakrosh) -साल 1980 में रिलीज हुई फिल्म आक्रोश का  निर्देशन गोविंद निहलानी ने की थी. ये उनकी पहली फिल्म थी. इस फिल्म में ओम पुरी एक सहायक किरदार में नजर आए थे. इस फिल्म में ओम पुरी की एक्टिंग की कापी सराहना हुई थी. इस फिल्म के लिए उन्हें   फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक एक्टर पुरस्कार से नवाजा गया था. इस फिल्म की  कहानी न्यायपालिका में हो रहे भ्रष्टाचार उत्पीड़न और दमन पर आधारित थी.

(फोटोःयूट्यूब)

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