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विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए अपने मुख्यमंत्री चुन लिए हैं. पिछले कई दिनों से इस पर माथापच्ची हो रही थी. लेकिन अब शपथ ग्रहण समारोह का शोर शुरू हो चुका है. 17 दिसंबर को मध्य प्रदेश और राजस्थान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा.
दिलचस्प बात यह है कि इस समारोह में कई बड़े विपक्षी नेताओं को भी न्यौता मिला है. अगर सभी इस समारोह में शामिल होते हैं तो एक बार फिर एक ही मंच पर विपक्ष का जमावड़ा देखने को मिल सकता है.
शपथ ग्रहण समारोह के बहाने विपक्षी नेता शक्ति प्रदर्शन के मूड में नजर आ रहे हैं. कांग्रेस ने इसीलिए सभी विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में शरद पवार, एमके स्टालिन, शरद यादव, अखिलेश यादव, मायावती, तेजस्वी यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेता पहुंच सकते हैं.
वहीं ममता बनर्जी यहां अपना कोई प्रतिनिधि भेज सकती हैं. उनके किसी करीबी की मौत होने से वो इस समारोह का हिस्सा नहीं होंगी. आने वाले 2019 के आम चुनावों को देखते हुए इसे एक बड़ा चुनावी दांव बताया जा रहा है. जिससे विपक्ष की शक्ति दिखाई जाएगी.
अब एक ही मंच पर विपक्ष के इतने नेताओं के होने से महागठबंधन पर भी बात हो सकती है. सभी दल एकजुट होकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा कर सकते हैं. साथ ही एकजुटता दिखाकर बाकी बचे दलों को भी शामिल होने का न्यौता दे सकते हैं. कांग्रेस तीन बड़े राज्यों में अपनी जीत से फ्रंट फुट पर है, वहीं विपक्षी नेता भी कांग्रेस के इस प्रदर्शन से खासे खुश नजर आ रहे हैं.
ये सभी नेता 17 दिसंबर को अपने सभी मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे. उधर छत्तीसगढ़ के लिए मुख्यमंत्री अभी तक नहीं चुना गया है. इसके लिए कांग्रेस आलाकमान ने कई बैठकें की हैं. जल्द ही यहां भी सीएम का ऐलान कर दिया जाएगा.
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