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जाधव केस में वियना संधि के उल्लंघन पर ICJ ने पाक को लताड़ा

जाधव भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं

क्विंट हिंदी
भारत
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जाधव भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं
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जाधव भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं
(फोटो: द क्विंट)

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इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है. आईसीजे के अध्यक्ष अब्दुलकावी यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) से कहा कि जाधव केस में पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है.

बुधवार को आईसीजे अध्यक्ष ने 193 सदस्यीय यूएन जनरल असेंबली में एक रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया कि 17 जुलाई के एक फैसले में पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 के तहत अपने दायित्वों को पूरा नहीं किया. पूरे मामले में उचित कार्यवाही भी नहीं की गई.

आईसीजे अध्यक्ष यूसुफ ने यूएन को अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए जाधव मामले में कोर्ट के फैसले के कई पहलुओं पर विस्तार से बताया.

ICJ ने UNGA से क्या कहा

आईसीजे अध्यक्ष यूसुफ ने कहा, “पाकिस्तान ने वियन कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है. पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप का सामना कर रहे भारतीय नागरिक को वो सभी अधिकार नहीं दिए जो उन्हें मिलना चाहिए थे.”

वियना कन्वेंशन के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को काउसंलर एक्सेस मिलना चाहिए. वियना कन्वेंशन में कहीं इस बात जिक्र नहीं है कि जासूसी के आरोप का सामना कर रहे व्यक्ति को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जाता है. अगर ऐसा नहीं होता है तो ये अनुच्छेद 36 का उल्लंघन है.
अब्दुलकावी यूसुफ, अध्यक्ष, आईसीजे

जाधव मामले पर कोर्ट ने कहा, जाधव की गिरफ्तारी के कुछ हफ्ते बाद भी पाकिस्तान ने भारत के काउंसलर को सूचित नहीं किया.

क्या है जाधव मामला?

जाधव भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उन्हें अप्रैल 2017 में बंद कमरे में हुई सुनवाई में ‘जासूसी एवं आतंकवाद’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट में याचिका दायर की थी.

इसी साल 17 जुलाई को नीदरलैंड के हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जाधव मामले में भारत की बड़ी जीत हुई. कोर्ट ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करने का आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने जाधव को काउंसलर एक्सेस देने का भी आदेश दिया था. जाधव को काउंसल एक्सेस न देना वियना संधि का उल्लंघन है.

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