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भारत सरकार ने 23 जून को दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन को अपना स्टाफ 50% कम करने का आदेश दिया. भारत ने पाकिस्तान से स्टाफ घटाने की प्रक्रिया सात दिन में खत्म करने को कहा. भारत ने ये कदम हाई कमीशन के दो अधिकारियों के जासूसी करते हुए पकड़े जाने और इस्लामाबाद में भारतीय हाईकमीशन के दो अधिकारियों के अगवा होने के बाद उठाया. अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'ध्यान भटकाने की कोशिश' बताया है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि LAC पर चीन के हाथों 'चोट' खाने के बाद भारत ने अपने लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ये कदम उठाया है.
भारत ने पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारियों पर जासूसी के आरोप लगाते हुए स्टाफ कम करने को कहा था. शाह महमूद कुरैशी ने इन आरोपों को 'निराधार' बताया.
कुरैशी ने कहा, "लद्दाख में भारत को मिली चोट का उनके पास कोई जवाब नहीं है और इसलिए वो अपने लोगों का ध्यान भटकाना चाहते थे."
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प से चिंता में है. कुरैशी का कहना है कि ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान इसमें घसीटा जा सकता है.
कुरैशी ने रॉयटर्स से एक इंटरव्यू में कहा, "चीजें बिगड़ गई हैं और काफी नाजुक हैं."
शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान लद्दाख में चीन की पोजीशन का समर्थन करता है और उन्होंने हाल ही में चीन के टॉप डिप्लोमेट वांग यी से बात की थी.
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