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पाकिस्तान ने आतंकी हाफिज सईद और उसके सहयोगियों के 44 हथियारों के लाइसेंस को रद्द कर दिया है. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने ये कार्रवाई की है. पंजाब प्रांत के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक ये कदम हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के खिलाफ कार्रवाई का एक हिस्सा है.
पिछले कुछ दिनों से आतंकी हाफिज सईद पर पाकिस्तान के रूख में बदलाव साफ नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान में हाफिज सईद पर लगाम कसने की शुरुआत जनवरी से हुई. 30 जनवरी को हाफिज को लाहौर के उसके घर में 90 दिनों के लिए नजरबंद कर दिया गया. साथ ही हाफिज और उसके संगठन से जुड़े 37 लोगों के देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
आतंकी हाफिज पर और बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने उसका नाम एंटी-टेररिज्म एक्ट की चौथी अनुसूची में शामिल कर दिया.
हाल ही में म्यूनिख के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में खुद पाकिस्तान हाफिज सईद को पाक के लिए गंभीर खतरा बता चुका है. पाकिस्तान ने सम्मेलन में सईद को समाज के लिए एक गंभीर खतरा बताया था.
पिछले दिनों पाकिस्तान में लगातार आतंकी हमले हुए हैं. 16 फरवरी को सिंध प्रांत के एक दरगाह में हुए हमले में करीब 100 लोगों की जान चली गई थी. जिसके बाद तिलमिलाए पाकिस्तान ने आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई की. दरगाह पर हमले के बाद ही पाकिस्तान के रक्षामंत्री का हाफिज पर बयान आया है कि वो पाकिस्तान के लिए गंभीर खतरा है. लगातार हो रहे हमलों पर काबू पाने में असफल शरीफ सरकार अब ये साबित करने में जुटी है कि वो आतंकवाद से लड़ने के प्रति गंभीर है.
नजरबंदी से ठीक पहले हाफिज सईद ने एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में हाफिज अपने नजरबंदी के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और पीएम मोदी की दोस्ती को कारण बता रहा था. डॉनल्ड ट्रंप भी इस्लामिक आतंकवाद को लेकर सख्ती दिखा चुके हैं. आतंकी हाफिज पर अमेरिका ने भी 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा हुआ है. ऐसे में अमेरिका का पाक के लिए साफ निर्देश है कि वो अपनी जमीन से हो रहे आतंकवाद पर कार्रवाई करे. हाफिज पर हो रही कार्रवाई इसी का हिस्सा हो सकती है.
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