advertisement
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल हो सकता है लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, भारत को एनएसजी में शामिल होने से रोकने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है.
पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा है कि पाकिस्तान एनएसजी में भारत को शामिल होने से रोकने के लिए इस ग्रुप के लगभग सभी देशों से संपर्क कर रहा है.
अजीज का यह बयान भारत के एनएसजी में शामिल होने के प्रयास और इस दिशा में देश को अमेरिका और स्विट्जरलैंड के मिले समर्थन के बाद आया है. अजीज पाकिस्तानी सीनेटरों की ‘भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती मिलीभगत’ को लेकर चिंता और उनकी इस आशंका का जवाब दे रहे थे कि एनएसजी सदस्य देश भारत के इसमें शामिल होने के आग्रह का सकारात्मक जवाब देंगे.
सीनेट की सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू के सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा कि एनएसजी सदस्य समूह में शामिल होने के भारत के आग्रह पर विचार कर रहे होंगे. सैयद ने यह आरोप लगाया कि पाकिस्तान की कूटनीति ‘असफल’ हो गई है. उन्होंने कहा कि अगर भारत एनएसजी का सदस्य बन जाएगा तो वह पाकिस्तान को समूह में शामिल होने से रोकने में सफल हो जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अफगानिस्तान और ईरान की यात्रा की थी, जो पाकिस्तान के नजदीकी पड़ोसी हैं.
उधर सरताज अजीज ने सैन्य उपायों से भारत का मुकाबला करने के प्रयासों के अलावा देश की आंतरिक ‘एकजुटता’ पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति का लाभ नहीं उठाने दिया जाना चाहिए. अजीज ने जोर देकर कहा कि देश के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ भारतीय परमाणु सिद्धांत से देश की सुरक्षा को उत्पन्न रणनीतिक खतरे का आंकलन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सीमित स्रोतों के बावजूद पाकिस्तान ने एक मजबूत परमाणु प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली विकसित की है. अजीज ने कहा कि पाकिस्तान हिंद महासागर को परमाणुकृत करने की भारत की योजना के ‘खतरनाक निहितार्थ’ को भी उजागर करने की योजना बना रहा है.
भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन किया है, जिससे दोनों देशों को परमाणु व्यापार में शामिल होने की अनुमति मिलेगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)