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कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से भारत की हालत बेहद खराब है. स्वास्थ्य तंत्र की बदहाली की खबरें लगातार आ रही हैं. हॉस्पिटल में बेड, दवाओं, इंजेक्शन, ऑक्सीजन की कमी से बड़ी तादाद में लोगों की मौत हो रही हैं. ऐसे में अब दुनिया के दूसरे देश भारत को मदद देने और एकजुटता जताने के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. अब तक अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान, फ्रांस,ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी देश भारत के संकट में सहयोग देने की बात कह चुके हैं.
अमेरिका के हेल्थ सेक्रेट्री मेट हेनकॉक ने 23 अप्रैल को ट्वीट किया कि- 'भारत में दिल दुखाने वाले नजारे दिख रहे हैं. मुझे भारतीय दोस्तों के साथ संवेदना है. हम वायरस से लड़ाई में भारत की मदद करने के लिए तैयार हैं.'
व्हाइट हाउस की एक अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि भारत फिलहाल बहुत खौफनाक स्थिति से गुजर रहा है.
उन्होंने कहा, “वहां ऐसी स्थिति है जहां वायरस के कई प्रकार पनप गए हैं... लेकिन हम साफ तौर पर मानकर चल रहे हैं कि उन्हें टीकों की जरूरत है.”
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे भारत के लोगों के प्रति गहरी सहानुभूति रखता है.
भारत को अपना बड़ा साझेदार बताते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रिटिश मीडिया से बातचीत में कहा है कि-
ब्रिटिश पीएम ने ये भी कहा कि वो वेंटिलेटर्स और बाकी दूसरे उपकरणों के स्तर पर भी भारत की मदद करेंगे.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मेक्रों ने कहा कि फ्रांस सहयोग करने के लिए तैयार है.
यूरोपियन यूनियन ने भी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात करके अपना समर्थन भारत को जताया है. यूरोपियन कमीशन के वाइस प्रेसिडेंट मार्गरेट वेस्टागर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि- 'भारत में कोरोना संकट के बीच यूरोपियन यूनियन का समर्थन सराहनीय है. उम्मीद करते हैं कि इस कठिन वक्त में यूरोपियन यूनियन हमारी क्षमता में इजाफा करने में मदद करेगा.'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ट्वीट करे भारत के साथ कोरोना संकट में एकजुटता दिखाई है. पीएम खान ने ट्वीट किया-
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मेरीज पायने ने ट्वीट किया है कि -'कोरोना संकट की नई लहर में ऑस्ट्रेलिया अपने दोस्त भारत के साथ खड़ा है. भारत ने जिस उदार तरीके से हमारे क्षेत्र को वैक्सीन दी, वो सराहनीय है. हम इस ग्लोबल संकट से उबरने के लिए साथ में मिलकर काम करते रहेंगे.'
भारत में जर्मनी के दूतावास ने कहा है कि - 'भारत में चल रहे कोरोना संकट पर जर्मनी की सरकार नजर बनाए हुए है. जर्मनी को भारत के साथ सहानुभूति है. भारत हमारा रणनीति साझेदार है. हम दोनों देशों का मानना है कि दुनिया इस संकट से एक दूसरी की मदद करके ही छुटकारा पा सकता है.'
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